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मुंबई के जैन मन्दिर
यहाँ मूलनायक पंचधातु के श्री शान्तिनाथ भगवान तथा आजुबाजु में श्री पार्श्वनाथ भगवान एवं श्री बाहुबली भगवान की ३ प्रतिमाजी तथा तीन देव देवीयों में धरणेन्द्र - पद्मावती एवं क्षेत्रपाल तथा ४ यंत्र भी शोभायमान हैं ।
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दहिसर (पूर्व )
(२६)
१००८ श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय
गाला नं. ६, रतिलाल करमशी चाल, नेमजीभाई कम्पाउण्ड, एस. एन. डूबे रोड, रावलपाडा, बोरीवली (पूर्व) से बस ६३९ मिनीनगर स्टोप, दहिसर (पूर्व), मुंबई - ४०० ०६८. टेलिफोन :- जशवंतभाई - ८९१२८६५, प्रकाशभाई - ८९५७६२३,
कौशिकभाई - ८९१६४१७, सुरेखा बहन - ८९३६३ ७६
विशेष :- यहाँ के संघ की स्थापना सन् १९८७, भादवा सुदि ४ को हुई थी । यहाँ पंचधातु की ३ प्रतिमाज में मूलनायक श्री १००८ पार्श्वनाथ भगवान बायी ओर १००८ श्री महावीर स्वामी, दायी ओर श्री १००८ आदीश्वर भगवान तथा जिनवाणी माताजी व कुंदकुंदाचार्य बिराजमान होनेवाले हैं। वि. सं. २०५२ का भादवा सुदि ४ को एक प्रतिमाजी लाकर चैत्यालय की स्थापना की थी ।
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(२७)
१००८ श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय
आंबावाडी, एस. वी. रोड, ( सरदार वल्लभभाई रोड), दहिसर (पूर्व), मुंबई - ४०० ०६८. टेलिफोन नं. - वसंतलाल केशवलाल गांधी - ८९३९५३३
विशेष :- • वेदि प्रतिष्ठा पंडित फतेह सागरजी जैन उदयपुरवालो ने करवाई वि. सं. २०३७ का वीर सं. २५०७ का माह सुदि १३ को । यहाँ के चैत्यालय में मुख्य ३ पंच धातु की प्रतिमाजी हैं। मूलनायक १००८ श्री शान्तिनाथजी को दोशी रमणलाल और आदिनाथ भगवान को दोशी चीमनलाल चुनीलाल और महावीर स्वामी को चुनीलाल देवचन्द शाह एवं मणिलाल कालीदास शाह ने बिराजमान किया था। जिनवाणी - माताजी की स्थापना नेमचन्द उमरचंद कोटडीया के सुपुत्रो ने की, और कुंद कुंदाचार्य की स्थापना भोगीलाल चुनीलाल शाह ने की थी । यहाँ महिला मण्डल एवं स्वस्तिक ग्रुप की अच्छी प्रवृत्ति चल रही हैं। पाठशाला और शास्त्र स्वाध्याय रात को होता हैं ।
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