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मुंबई के जैन मन्दिर
(४८३) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर
वाणीआली मु. पोष्ट उरण, जि. रायगड (महाराष्ट्र)
टेलिफोन :- ७२२ २३ २६, ७२२ १३ ०३ - जयन्तिलालजी विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय मोहन - प्रताप सूरीश्वर के पट्टधर प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. के आदेश और आशीर्वाद से आपके समुदाय के परम पूज्य मुनिराज श्री पूर्णानन्द विजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०३७ का वैशाख सुदि ५, तारीख ८-५-८१ को ठाठ माठ से चल प्रतिष्ठा हुई थी।
___ यहाँ मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान तथा आजु बाजु में श्री शान्तिनाथ भगवान एवं श्री महावीर स्वामी भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ चौविशी, एक छोटी प्रतिमाजी, और पद्मादेवी के साथ पार्श्वप्रभु, सिद्धचक्रजी - ३, अष्टमंगल - २ बिराजमान हैं।
_स्व. शा. पुखराजजी पुनमचन्द के आत्मश्रेयार्थ मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी की प्रतिमाजी की प्रतिष्ठा का लाभ शा. नगराजजी पुखराजजी बाली (राज.) वालो ने लिया था।
यहाँ नीचे उपाश्रय तथा उपर जिनालय सुशोभित हैं। इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री उरण जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ-उरण हैं।
मोहपाडा (रसायनी) (४८४)
श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर मु. पोष्ट मोहपाडा (रसायनी), तालुका : खालापुर, जि. रायगड (महाराष्ट्र) टेलिफोन : (ओ.) ५०७४० कान्तिलालजी, ५००६४ - अरविंदजी, ५०४७५ - भंवरजी
विशेष :- इस मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर संघ मोहपाडा (रसायनी) हैं।
परम पूज्य आचार्य श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. के समुदाय के आ. श्री हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म. के शिष्य मुनिराज श्री लक्ष्मणविजयजी म., श्री लेखेन्द्र विजयजी म. की पावन निश्रा में प्रतिष्ठा वि. सं. २०४६ का माह सुदि - ३, तारीख २९-१-९०, सोमवार को हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान तथा आजुबाजू में श्री शान्तिनाथ भगवान एवं श्री वासुपूज्य स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १, यंत्र - १, गोमुख यक्ष, प्रासाददेवी, चक्रेश्वरी देवी, श्री मणिभद्रवीर एवं श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। श्री शत्रुजय तीर्थ, श्री सम्मेतशिखरजी तीर्थ, श्री नाकोडा के रंगीन चित्र दिवार पर बनाये दर्शनीय हैं। श्रीमती कुंवरबाई अमृतलालजी गुलाबचन्दजी कोटडिया परिवार प्रतापगढ (राज.) वालो ने उपाश्रय हॉल बनवाने में सहयोग देने का लाभ लिया हैं।
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