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मुंबई के जैन मन्दिर
३०१
(४६१)
श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर निमको नाका, खुंटव, अम्बरनाथ (प.) जि. थाणा, महाराष्ट्र टे.फो. C/o. ०२५१-५८२१५४ घीसूलालजी, ०२५१ - ५८३४९८ काऊलालजी
विशेष :- श्री राजस्थान श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिरजी की प्रथम स्थापना परम पूज्य आ. श्री दक्षसूरिजी म. की प्रेरणा से वि.सं. २०३६ का वैशाख सुदि ११ को हुई थी। पुनः स्थापना वि.सं. २०५० का माह सुदि १० को हुई थी।
___ यहाँ मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु की पाषाण की एक प्रतिमाजी, पंचधातु की-२ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-१, सुशोभित है। भारुन्दा (राज.) निवासी स्व. चन्दनमलजी प्रतापजी की धर्मपत्नी स्व. प्यारीबाई माताजी की स्मृति में उनके बेटो-पोतो की तरफ से श्री संघ को भेट वि.सं. २०४९ का श्रावण वदि ११, सोमवार, ता. २४-९-१९९२ को । नामकरण :- चन्दन ज्ञान आराधना भवन.
अम्बरनाथ (पूर्व) (४६२)
श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान गृहमन्दिर रेल्वे स्टेशन के नजदीक, सूर्योदय हाऊसींग सोसायटी,
अम्बरनाथ (पूर्व), जि. थाणा, महाराष्ट्र टे.फो. ०२५१ - ५८२४९० नरेन्द्रजी जवेरचंदजी, ०२५१-५८३६१४ आर.टी. ज्वेलर्स
विशेष :- इस जिनालय के संस्थापक एवं संचालक श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ अम्बरनाथ (पूर्व) है। परम पूज्य शासन सम्राट् आचार्य श्री नेमिसूरीश्वरजी म. के समुदाय के
आ. श्री लावण्यसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. श्री दक्षसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वीर संवत २५१०, वि.सं. २०४० का चैत्र वदि ५, ता. २०-४-८४ को भव्य प्रतिष्ठा हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी तथा आजू बाजू में श्री धर्मनाथजी व श्री शांतिनाथजी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की-५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-२, अष्टमंगल-१ सुशोभित हैं।
जिनालय के सामने ही श्री रांका जैन आराधना भवन का निर्माण आचार्य भगवंत विजय दक्षसूरीश्वरजी म. के शिष्य श्री प्रभाकरविजयजी म. की शुभ प्रेरणा से पोमावा (राज.) निवासी बेटापोता शा. रायचन्दजी मोतीजी रांका परिवार की तरफ से वि.सं. २०४४ सन १९८८ में हुआ हैं।
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