________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
मुंबई के जैन मन्दिर
के आचार्य श्री विजय भुवनतिलकसूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. श्री विजय भंद्रकर सूरीश्वरजी म. तथा पुण्यानन्दसूरीश्वरजी म. के मार्गदर्शन में आ. श्री विजय वीरसेन सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४८, वीर सं. २५१८ का माह सुदि ६, तारीख १०-२ ९२, सोमवार को हुई थी। इस अवसर पर अचलगच्छ समुदाय के आ. श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंत भी उपस्थित थे ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
यहाँ मूलनायक श्री भीडभंजन पार्श्वनाथ प्रभु तथा आजुबाजु में श्री वासुपूज्य स्वामी एवं श्री पद्मप्रभ स्वामी भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, २- सिद्धचक्रजी, अष्टमंगल - १, ताँबे के २ यंत्र तथा पार्श्वयक्ष एवं पद्मावती देवी बिराजमान हैं। यहाँ दो मंजीला भव्य आराधना भवन हैं तथा पार्श्व किर्ति मंडल एवं आयंबिल खाता की व्यवस्था भी हैं ।
❀ ॐ ॐ
(४२५)
२७९
(४२४)
श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर
वर्धमान बिल्डींग (मोमीन बिल्डींग ) २०१, दूसरा माला, घर नं. ७११, पायल टॉकिज के बाजू में, थाणा रोड, भीवण्डी. जि. थाणा (महा.)
टेलिफोन :- ९१३ - ३८४६३ (ओ.) ३७०१६ घर - केशवजीभाई
विशेष :- परम पूज्य आ. श्री विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी म. के समुदाय के आ. श्री हेमचन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४८ का जेठ सुदि ७ को चल प्रतिष्ठा हुई थी । यहाँ मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पाषाण की १ प्रतिमाजी, पंचधातु की १ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं ।
इस गृह मन्दिर के संस्थापक एवं संचालक शा. केशवजी लखमशी जखरीया परिवार वाले हैं। ❀
श्री महावीर स्वामी भगवान शिखरबद्ध जिनालय
ओसवाल पार्क, नारपोली, ओकट्रोय नाका के पीछे, खारवान रोड, भीवण्डी. जि. थाणा (महाराष्ट्र ) .
टेलिफोन - ५१५५९६०, ५१६०२४६ - रामजीभाई गुढका
विशेष :- श्री ओसवाल पार्क श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ जैन संघ की तरफ से परम पूज्य आ. श्री विजय ललित शेखर सूरीश्वरजी म. के शिष्य परम पूज्य आ. श्री विजय राजशेखर सूरीश्वरजी म. तथा उनके शिष्य श्री विजय वीर शेखर सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५३ का माह सुदि ११, ता. १७- २ - १९९७ के शुभ दिन श्री घाटकोपर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ के प्रमुख श्री रामजीभाई मेघजी गुढका के शुभ हस्तक मुख्य शिलान्यास किया, तथा श्री महावीर गृह
For Private and Personal Use Only