________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मुंबई के जैन मन्दिर
२६९
सिद्धचक्रजी - १२, विसस्थानक - १, अष्टमंगल - १ सुशोभित है। नीचे सात प्रतिमाजी तथा उपर सहस्रफणा पार्श्वनाथ, पद्मप्रभ स्वामी एवं वासुपूज्य स्वामी की ३ प्रतिमाजी सुशोभित हैं।
जब हम जिनालय में प्रवेश करते हैं तो मन्दिर के बाहरी दृश्य में दो बैठे हुए हाथी हमारा स्वागत करता हैं । यहाँ का देव-दर्शन हॉल स्व. श्री जेवतभाई लघुभाई की स्मृति में उनकी पत्नी स्व. वालुबाई एवं उनके सुपुत्रो के द्वारा बनाया गया हैं। अति सुन्दर कांच की डिझाइनो से पुरे मन्दिर की दिवारो पर अनेक तीर्थो के दर्शन का लाभ होता हैं।
आचार्य श्री गुण सागर गुरु मन्दिर की प्रतिष्ठा गडा प्रेमजी भीमशी गाम सामखीयाली प्रियेश प्रेमजी गडा तथा ट्विंक्ल प्रेमजी गडा की तरफ से शनिवार, तारीख ५-१२-१९९२ को हुई थी।
यहाँ उपासरा, श्री केसरिया गुण महिला मण्डल, श्री चन्द्रप्रभ स्वामी महिला मण्डल, भक्ति गुण महिला मण्डल एवं अलर्ट ग्रुप अपने कार्यो में अग्रसर हैं।
(४०८) श्री ऋषभदेव भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय
टेम्बीनाका, थाणा महाराष्ट्र. टे. फोन : ऑ. ५३४ २३ ८९, ५३४ ९१ ४५, बाबुलालजी ऑ. ५३४ ११ ७७
घर: ५३४ ०४ ९० जुगराजजी पुनमिया ओ. ५३३ ४३ १९, घर : ५३६ ६० ८७ विशेष :- इस भव्य जिनालय के संस्थापक एवं संचालक श्री ऋषभदेव महाराज जैन टेम्पल ज्ञाति ट्रस्ट - थाणा हैं। इस मन्दिरजी की प्रथम प्रतिष्ठा वि.सं. १९४३ वैशाख सुदि ६ को हुई थी।
नूतन भव्य जिनालय निर्माण होने के बाद इसका अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव परम पूज्य आ. श्री विजय वल्लभसूरीश्वरजी म. के समुदाय के परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री रत्नाकर सूरीश्वरजी म., आ. भगवंत श्री जगच्चन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०५० का माह सुदि १०, सोमवार, ता. २१-२-९३ को हुआ था।
नूतन जिनालय में मूल गंभारे में आरस की १५ प्रतिमाजी तथा प्रथम मंजिल पर आरस की ८ प्रतिमाजी तथा सामने श्री गौतम स्वामी गणधर, श्री पुंडरीक स्वामी गणधर, श्री सुधर्मा स्वामी गणधर की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की ३ बडी प्रतिमाजी के साथ कुल २९ प्रतिमाजी, पंच धातु की ६ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ५ सुशोभित हैं। गोमुख और चक्रेश्वरी देव - देवी भी बिराजमान हैं।
मन्दिरजी के बाहर की तरफ सन् १९५८ वर्ष में करसराम नगाजी की तरफ से बनाई गई श्री मणिभद्रवीर की देहरी शोभायमान है।
For Private and Personal Use Only