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मुंबई के जैन मन्दिर
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(३९०) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय वर्धमान नगर कम्पाउण्ड में, महात्मा गाँधी रोड, मुलुण्ड (प.), मुंबई-४०० ०८०.
टे. फोन : ओ. ५६१ ७१ २४, दिवालीबेन बाबुलालजी - ४९४ ४० ७० विशेष :- इस जिनालय के निर्माता वर्धमान नगर श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ राजेन्द्र जैन ट्रस्ट हैं । इसका संचालन भी इसी ट्रस्ट द्वारा हो रहा हैं । त्रिस्तुति जैन संघ के सुप्रसिद्ध जैनाचार्य श्रीमद् राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. के समुदाय के आ. श्री हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४७ का वैशाख सुदि ६ को भव्य धाम-धूम के साथ प्रतिष्ठा हुई थी।
___ यहाँ मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान तथा आजू बाजू में श्री पद्मप्रभ स्वामीजी, एवं श्री शीतलनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की १२ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-५ और २ विसस्थानक वगैरह बिराजमान हैं।
इसके अलावा यहाँ श्री गौतम स्वामी, गुरुदेव श्री राजेन्द्र सूरिजी म. की प्रतिमाजी एवं पार्श्वपक्ष तथा पद्मावतीदेवी भी सुशोभित है।
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श्री पद्मप्रभस्वामी भगवान गृह मन्दिर गोवर्धन नगर, हंसा सागर बिल्डिंग A ग्राउण्ड फ्लोर, लालबहादुर शास्त्री मार्ग, मुलुण्ड (प.), मुंबई-४०० ०८०.
टे. फोन : ५६१ ९० ७८ - किशोरभाई . विशेष :- श्री गोवर्धन अंचलगच्छ जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की चल प्रतिष्ठा आचार्य श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०५० का चैत्र वदि २, बुधवार, ता. २७-४-९४ को हुई थी।
यहाँ जिनबिंबों का शुभ आगमन वि.सं. २०५० का चैत्र सुदि १२, शुक्रवार ता. २०-४-९४ को हुआ था। मुलुण्ड नगर आसंबीया (कच्छ) के मातुश्री वेलबाई जखुभाई गाला द्वारा अंजनशलाका की हुई तीनों प्रतिमाजी श्री मोटा आसंबीया अचलगच्छ जैन संघ की तरफ से संघ को भेट स्वरुप प्राप्त हुई हैं।
यहाँ मूलनायक श्री पद्मप्रभस्वामी तथा चन्द्रप्रभस्वामी एवं भीडभंजन पार्श्वनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-३, अष्टमंगल-१, प्रासाददेवी के अलावा यक्ष कुसुम एवं यक्षिणी श्यामा भी बिराजमान हैं। यहाँ श्री महावीर महिला मण्डल, श्री सीमन्धर महिला
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