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मुंबई के जैन मन्दिर
जैन हो या जैनेतर हो, शाकाहारी हो, या अन्य हो किन्तु होस्पीटल में प्रवेश करनेवाले सभी महानुभावो को होस्पीटल के नियमो को मानना ही पडता हैं।
दरवाजे पर खुला बोर्ड है कि होस्पीटल में प्रवेश करने वाले कोई भी सज्जन बीडी - सिगरेटमांस - मछली - अण्डा - शराब वगैरह किसी भी प्रकार की वस्तुएँ लेकर प्रवेश न करे तथा पहरे दारो द्वारा पुरी जांच - पडताल करने के बाद ही होस्पीटल में अन्दर जाने की अनुमति मिलती हैं।
होस्पीटल में कुल ५ श्वेताम्बर मन्दिर, १ दिगम्बर मन्दिर तथा जैनेतर धर्मो के अनेक मन्दिर सर्वोदय तीर्थ स्थान की शोभा बढा रहे हैं।
(३६२)
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर सर्वोदय होस्पीटल के वार्ड कम्पाउण्ड में, सर्वोदय होस्पीटल, लालबहादुर शास्त्री मार्ग,
___घाटकोपर (प.), मुंबई - ४०० ०८६. विशेष :- सर्वोदय होस्पीटल का निर्माण करने के बाद सर्व प्रथम श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान का गृह मन्दिर होस्पीटल में बनाया गया था।
यहाँ आरस की श्याम रंग की एक प्रतिमाजी बिराजमान हैं। यह मन्दिर ही सबसे पहले स्थापित हुआ था। इस मन्दिर में अनियमित समय पर प्रवेश करने के लिये मेनेजर की अनुमति लेनी पडती हैं।
(३६३) श्री सर्वोदय पार्श्वनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय
सर्वोदय होस्पीटल, घाटकोपर (प.), मुंबई - ४०० ०८६. विशेष :- जब हम बाहर से होस्पीटल में मुख्य दरवाजे से अन्दर प्रवेश करते हैं तो बायी और एक खूबसुरत जिनालय का दर्शन होता हैं। इस मन्दिरजी की प्रतिष्ठा वि. सं. २०२५ का वैशाख सुदि - ७, ता. २४-४-६९ को भव्य आनन्द मंगल के साथ हुई थी।
इस मन्दिरजी में पाषाण की ८ प्रतिमाजी, पंचधातु की ११ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, विसस्थानक - १, अष्टमंगल - १ के अलावा गंभारे में व छत में कांच की डिझाईनो से मन्दिरजी की शोभा में वृद्धि कर दी हैं। बाहर की ओर पद्मावती देवी बिराजमान हैं।
भूगर्भ में अर्थात् श्री सर्वोदय पार्श्वनाथ भगवान मन्दिर के नीचे के भाग में भोयरे में श्री गोडीजी पार्श्वनाथ भगवान बिराजमान हैं।
यहाँ पाषाण की - ३४ प्रतिमाजी बिराजमान हैं । तथा नाकोडा भैरूजी की २ प्रतिमाजी, श्री घंटाकर्ण वीर, श्री मणिभद्रवीर, श्री कुबेर देव तथा काल भैरव की मूर्ति भी बिराजमान हैं।
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