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मुंबई के जैन मन्दिर
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यहाँ मूलनायक श्री धर्मनाथ प्रभु तथा आजुबाजु में दो आदीश्वर भगवान की पंचधातु की ३ प्रतिमाजी बिराजमान हैं।
(३६१)
श्री सीमन्धरस्वामी गृह मन्दिर पारेख महल, ग्राउन्ड फ्लोर, हंसोटी गली, कामागली,
घाटकोपर (प.) मुंबई - ४०० ०८६.
टेलिफोन नं.-५१६ ६८ ६३ -मनोजभाई विशेष :- इस गृह मन्दिर के संस्थापक एवं संचालक श्री मनोजकुमार केशवलाल शाह हैं। परम पूज्य आ. श्री भुवनभानुसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. श्री विजय जयघोषसूरीश्वरजी म., पन्यासजी श्री हेमरत्नविजयजी म., पन्यासजी श्री रत्नसुन्दरविजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५० का जेठ वद ४ को चल प्रतिष्ठा हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री सीमन्धर स्वामीजी पंचधातु की १ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १ तथा अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं।
सर्वोदय होस्पीटल - देवस्थान - सर्वोदय तीर्थ
लालबहादुर शास्त्री मार्ग, घाटकोपर (प.), मंबई - ४०० ०८६.
टेलिफोन नं.-(ओ.) - ५१५ २२ ३७, ५१३ ९५ ६७ विशेष :- संस्थापक एवं निर्माता :- सर्वोदय अस्पताल के आद्य संस्थापक एवं सर्वोदय तीर्थ के निर्माता धर्मप्रेमी सत्य, प्रेम एवं करूणा निधान, मानवप्रेमी, आजीवन सेवा व्रतधारी आदरणीय श्रीमान सेठ श्री कान्तिलाल मगनलाल शाह थे। आपका जन्म तारीख १-७-१९१५ को हुआ था तथा देह विलय ता. २८-२-८९ को हुआ था । होस्पीटल में पाषाण से बनाई गई आपकी तीन प्रतिकृति (स्टेच्यु) अतिसुन्दर सुशोभित हैं। प्रथम होस्पीटल के बाहरी कम्पाउन्ड में गांधीजी, विनोबाजी की मूर्ति के पास, दूसरी देव दर्शन हॉल में, तीसरी सबसे पुराने मन्दिर के पास होस्पीटल वार्ड के कम्पाउण्ड में। __मानव प्रेमी श्री कान्तिलाल सेठ का जीवन बिल्कुल सादा, मलमल की धोती तथा मलमल का हाफ शर्ट पहनते थे। वे उच्च विचारो के धनी थे । वे दर्दीयो की देखभाल स्वंय अपनी नजरो से करते थे। यही उनकी सादाई और उच्च विचारधारा की सर्वोत्तम झलक थी। मेरे से निकट का परिचय था. बम्बई के जैन मन्दिर की प्रथम आवृत्ति प्रकाशित हुई थी, उसवक्त आपने १०० पुस्तको की खरीदी की थी।
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