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मुंबई के जैन मन्दिर
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विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. के सदपदेश एवं प्रेरणा - मार्गदर्शन से पादरा निवासी धर्मप्रेमी मातुश्री रेखाबेन चिमनलाल शाह और वडील बंधु श्री वीरचन्दभाई चिमनलाल शाह के आत्म!याथ श्री नवीनचन्द्र चीमनलाल शाह एवं उनकी धर्मपत्नी अ. सौ. कंचनबेन आदि परिवार ने इस मनोहर जिनालय का निर्माण श्री चिमनलाल अमृतलाल रीलीजीयस चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा घाटकोपर जगडुशानगर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ के सहकार से वि. सं. २०३८ में किया था।
जिनालय तैयार होने के बाद वि. सं. २०३८ वैशाख सुदि १०, रविवार, ता. २-५-१९८२ को प्रतिष्ठा महोत्सव पूज्यपाद युगदिवाकर गुरुदेव श्री धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रभावक निश्रा में करने का निश्चय हो गया था, किन्तु फागुण सुदि १३ के दिन मझगाँव मुंबई में आपका स्वर्गवास होने से आपके परिवार के शतावधानी पू. आ. भ. श्री विजय जयानन्दसूरीश्वरजी म. पू. विशदवक्ता आ. भ. श्री विजय कनकरत्नसूरीश्वरजी म., पू. विद्वद्वर्य आ. भ. श्री विजय महानन्दसूरीश्वरजी म. एवं विद्वान वक्ता आ. भ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. की पुण्य निश्रा में उसी मुहूर्त में उसी दिन धामधूम से प्रतिष्ठा महोत्सव हुआ था।
___ यहाँ पाषाण की श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ, श्री आदिनाथ एवं श्री महावीर स्वामी की - ३ प्रतिमाजी, पंचधातु - ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १, विशस्थानक - १ जिनालयमें सुशोभित हैं।
यहाँ परम पूज्य आ. भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा से घाटकोपर निवासी श्री कान्तिलाल भाईचन्द सुखडवालो के मुख्य सहयोग से जगडुशानगर श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ का उपाश्रय वि. सं. २०३८ में बना हुआ हैं । वहाँ जैन पाठशाला भी चालु हैं । वि. सं. २०३९ का आषाढ सुदि - २ सोमवार को आ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से जगडुशा नगर श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक अचलगच्छ जैन उपाश्रय का निर्माण भी हुआ हैं।
___ यहाँ श्री पार्श्वभक्ति महिला मंडल, श्री जगडुशा महिला मंडल, श्री हिरगुण सामायिक मंडल की व्यवस्था हैं। प्रतिवर्ष आसौ एवं चैत्र मास में शाश्वत श्री नवपद आराधना की ओली कराई जाती हैं। प. पू. आ. भ. श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से निकट के भविष्य में शिखरबद्ध जिनालय का निर्माण करने की श्री संघ की भावना हैं और उसके लिये प्रयत्न चालु हैं।
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श्री आदीश्वर भगवान गृह जिनालय श्रेणिक नगर, टी बिल्डींग के बाजू में, अमृतनगर, लालबहादुर शास्त्री मार्ग,
घाटकोपर (प.), मुंबई - ४०० ०८६.
टेलिफोन नं.-५१७ २२ ५४ - जनकभाई विशेष :- वि. सं. २०४३ का जेठ वदि १०, ता. १८-२-८७ को आ. श्री दुर्लभ
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