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मुंबई के जैन मन्दिर
साथ उपधान तपकी प्रथम आराधना आपकी निश्रा में श्री संघ में हुई । धर्मविहार की शिला स्थापना वि. सं. २०३९ का द्वितीय फागुण वदि ७, सोमवार, ता. ४-४-१९८३ में हुई थी। उसी चातुर्मास में आपकी प्रेरणा से प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. के गुरु मंदिर का निर्माण करके श्री संघने उसमें पू. युगदिवाकर गुरुदेव के तैलचित्र की स्थापना की थी । आपकी प्रेरणा से आपके वि. सं. २०४६ के चातुर्मास में श्री संघ के तीन उपाश्रयो के पूरक साधारण फंड किया गया, उसमें ५ लाख रूपये हुआ था और जिनालय के परिसर में श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्णवीर और श्री पद्मावती माताजी का मारबल का भव्य देव मन्दिर का निर्माण हुआ था और वि. सं. २०४७ का मगसर वदि १० को उनका भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव पू. शतावधानी श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म. पू. आ. श्री कनकरत्नसूरीश्वरजी म. परम पूज्य आ. श्री महानन्दसूरीश्वरजी म. और प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रेरक पू. आ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. सा. की पुण्य निश्रा में हुआ था।
वि. सं. २०५३ के वर्ष में पू. आ. भगवंत श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. सा. के चातुर्मास में शासन के अनेक कार्यो के साथ उपधान तप की आराधना और ५१ छोड के उजमणाउद्यापन के साथ मालारोपण महोत्सव के अवसर पर कु. हीनाबेन और कु. हेमलताबेन का दीक्षा महोत्सव बडे ठाठ से हुआ और आपके सान्निध्य में आपके मार्गदर्शनानुसार पूज्यपाद युगदिवाकर आचार्यदेव के गुरूमन्दिर का नव निर्माण करके उसको विस्तृत और रमणीय बनाया गया। आजकल पूज्य युगदिवाकर गुरु भगवन्त की मारबल की प्रतिमा ३५” की तैयार होकर आ गई हैं। उनका प्रतिष्ठा महोत्सव आगामी माह वदि ११ को में होने की संभावना हैं।
वि. सं. २०५१ में इस जिनालय का प्रतिष्ठा का रजत महोत्सव विविध आयोजनो के साथ पू. आ. श्री कनकरत्नसूरीश्वरजी म. पू. आ. श्री महानन्दसूरीश्वरजी म., रजत महोत्सव के प्रेरक पू. आ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. आदि की निश्रा में बडे ठाठ से मनाया गया था और उसी अवसर पर रजत महोत्सव स्मारिका का प्रकाशन भी हुआ था।
सुरेन्द्रनगर (कोंढ) निवासी मनसुखलाल मोहनलाल आयंबिल शाला, उपाश्रय, पाठशाला, श्री पार्श्वजैन युवक मंडल, श्री पार्श्वजिन महिला मंडल, श्री धर्म-प्रताप सामायिक मंडल आदि भक्ति भाव में अग्रसर हैं। श्री वांकानेर निवासी अ. सौ. शान्ताबेन वनेचन्द मेहता पौषधशाला वि. सं. २०२५ में बनी सुशोभित हैं।
. श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान भव्य जिनालय पार्श्वदर्शन बिल्डींग, प्लोट नं. २६, २८, ३० ग्राउन्ड फ्लोर, गोलीबार रोड, जगडुशानगर,
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टेलिफोन नं.- (ओ.) - ५१६५० ८५ हंसराजभाई - ५१५२१ ३४ विशेष :- जैन शासन के महाप्रभावक युगदिवाकर पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री
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