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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२० मुंबई के जैन मन्दिर सिद्धचक्रजी - ७ तथा आरस पर खुदे हुए श्री अष्टापदजी, श्री गिरनारजी, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री शत्रुजय आदि पट भी दर्शनीय हैं। पार्श्वयक्ष, पद्मावती, शासनदेवी व मणिभद्रवीर की प्रतिमाजी भी बिराजमान हैं। उपर के विभाग में २०० वर्ष प्राचीन मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान सहित आरस की ५ प्रतिमाजी तथा ४ शासन देव देवीयों की प्रतिमाजी भी बिराजमान हैं। पुराने मन्दिर में मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान ही थे। जो नीचे बिराजमान थे। यहाँ उपासरा, जैन पाठशाला, श्री धर्मनाथ जैन महिला मंडल की व्यवस्था हैं। विशेष सूचना :- यात्रिको को सूचित किया जाता हैं कि प्रत्येक महिने की पूर्णिमा को यहाँ दर्शन पूजा करने के लिये आने वाले भाई - बहनो के लिये भाता की व्यवस्था हैं। कुर्ला (पूर्व) नेहरु नगर (३४६) श्री चन्द्रप्रभ स्वामी भगवान गृह मन्दिर राशन ओफिस के सामने, एस. जी. बर्वे मार्ग, नेहरू नगर, कुर्ला (पूर्व), मुंबई - ४०० ०२४. टे.फोन : दानमलजी - ५२२ ४७ १९, पुखराजजी - ५२२ ७६ ९७ विशेष :- श्री नेहरु नगर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ कूर्ला (पूर्व) के मकान को साधारण फण्ड से लिया गया हैं । संघ ने देव - द्रव्य फंड से आरस के शिखर युक्त पद्मासन वगैरह बनवाकर अचलगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्रीमद् गुणसागर सूरीश्वरजी म. के पट्टधर साहित्य दिवाकर परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री कलाप्रभसागर सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४७ का वैशाख वदि २ ता. ३०-५-९१ गुरुवार को चल प्रतिष्ठा करवाई थी। यहाँ मूलनायक श्री चंद्रप्रभ स्वामी भगवान तथा आजुबाजु में श्री आदिनाथ भगवान व श्री महावीर स्वामी ये आरस की तीन प्रतिमाजी, पंचधातु के २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं। __ श्री घंटाकर्ण वीर, श्री नाकोडा भैरूजी, श्री भोमीयाजी, श्री मणिभद्रवीर, एवं पद्मावती माता के फोटो भी दर्शनीय हैं। यहाँ श्री चन्द्रप्रभस्वामी जैन पाठशाला, श्री चन्द्रप्रभ स्वामी जैन नवयुवक मंडल, श्री चन्द्रप्रभ स्वामी जैन महिला मंडल एवं श्री महावीर महिला मंडल की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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