________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०८
मुंबई के जैन मन्दिर
-
जिनालय के बाजु में उपाश्रय व ओफिस हॉल हैं । यहाँ धार्मिक पाठशाला एवं श्री शीतलनाथ जिन महिला मंडल की व्यवस्था हैं।
विलेपार्ले (पूर्व) के जिनालय में अंजनशलाका की हुई प्रतिमाजी बिराजमान हैं। जिन बिम्ब प्रवेश ता. १०-६-१९९२ को हुआ था।
दादर - नायगाँव (३२८) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर लोक प्रकाश भवन, गाँधी चौक, ज्योतिबा फुले रोड, नायगाँव - मुंबई - ४०० ०१४.
टेलिफोन-भभुतमलजी खोडा - ४१३ ३९ ८५, बंशीलालजी - ४१२ ४८८३
विशेष :- नायगाँव के श्री जैन श्वेताम्बर पोरवाल सकल संघ ने मिलकर एक गृह मन्दिर का निर्माण कराया, जिसकी प्रतिष्ठा वि. सं. २०२५ का फागुण सुदि ५ को परम पूज्य आ. श्री विजय रामसूरीश्वरजी म. (डेहलावाले) आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में धाम - धूम से हुई थी।
यहाँ आरस की ३ प्रतिमाजी, पंचधातुकी ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ५, अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं। श्री शत्रुजय, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री घंटाकर्ण वीर तथा भैरूजी के चित्र भी दर्शनीय हैं।
पच्चीसवी साल की रजत जयंती श्री राजचन्द्र विजयजी म. (श्री निरालाजी) की शुभ निश्रा में खूब धुम धाम से मनाई गई। यहाँ के श्री जैन संगीत मंडल, श्री वासुपूज्य मित्र मंडल - बैण्डपार्टी बहुत ही लोकप्रिय हैं। उपासरा व जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं।
[किंस सर्कल - माटुगा (३२९) श्री सहस्रफणा पार्श्वनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय किंग्स सर्कल, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रोड, माटुंगा (पूर्व), मुंबई - १९.
टे. फोन-ओ. ४०१ ०८७५ विशेष :- श्री रवजी सोजपाल एवं उनकी धर्मपत्नी अ. सौ. कंकुबाई कच्छ लायजावालोने आत्मश्रेयार्थ अपने खर्च से यह मन्दिर बनाया हैं । थाणा तीर्थोद्धारक जैनाचार्य भट्टारक श्री जिनरिद्धि सूरीश्वरजी म. की निश्रामें मन्दिरजी की शिलारोपण विधि करने में आई थी। उसके बाद श्री माटुंगा मूर्तिपूजक श्वेताम्बर कच्छी जैन संघ को यह मन्दिर अर्पण किया है।
प्रतिष्ठा : आत्म - कमल - लब्धि सूरीश्वरजी म. के पट्टधर दक्षिण देशोद्धारक आ. श्री विजय लक्ष्मण सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. सं. २००५ का माह सुदि ५, गुरुवार, तारीख ३-२-१९४९ को भव्य ठाठ माठ के साथ प्रतिष्ठा हुई थी।
For Private and Personal Use Only