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मुंबई के जैन मन्दिर
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गुरु भगवन्तो की शुभ कामनाएँ
श्री आत्म
वल्लम
जैन समुद्र समुदाय के परमार क्षत्रियोद्वारक, चारित्र चूडामणि, दिवाकर परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी महाराज
जैन उपाश्रय, विनय एपार्टमेन्ट, वरली
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दिनाक : ३-२-९६
जैन भाईओ को खुश खबर
मुंबई के जैन मंदिर (आवृत्ति दुसरी)
श्री ज्ञान प्रचारक मण्डल द्वारा पद प्रशस्य कार्य द्वितीय आवृत्ति किताब में जैन संघ के सारे मुंबई में स्थित मंदिरजी के ठिकाने या पता व्यवस्थापकजी का या संचालकजी का नाम, टेलिफोन नं., मूलनायक प्रतिमाजी का नाम व प्रतिमाजी संख्या, प्रतिष्ठा या स्थापना कराने वाले गुरुदेव आचार्य भगवंत या मुनि
भगवंत का नाम, प्रतिष्ठा या स्थापना की मिति वार तारीख के अलावा जैन पाठशाळा, आयंबिलशाला, धर्मशाला, भोजनशाला, भाताशाला, उपाश्रय, जैन सेवा या संगीत मंडल, महिला मंडल, पूजा मंडल इत्यादि अनेक विवरण के साथ छपवाकर सबके लिये सुविधा करके समाज के लिऐ महान मार्ग दर्शन किया है । वह किताब खरीदकर आप सब स्थानो के दर्शन पूजन सेवा करने के लिये आने जाने औरो के लिये मार्ग दर्शन के लिये सहयोगी बने और सब पर उपकारी बने वही शुभेच्छा हैं।
विजय इन्द्रदिन्न सूरि का धर्मलाभ
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श्री मोहन - प्रताप - धर्मसूरीश्वर समुदाय के परमपूज्य व्या. सा. न्या. तीर्थ आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी महाराज.
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मुंबई महानगर अने उपनगरोना विशाल विस्तारोमा स्थले स्थले प्राचीन अर्वाचीन ४८४ + ६०= ५४४ उपरांत नाना मोटा शिखर बद्ध अथवा गृह जिनालयोनी परिचयात्मक विस्तृत अने व्यापक माहिती रजू करता जैन मंदिरोनी बृहद् डीरेक्टरी जेवा मुंबई के जैन मंदिर पुस्तकना द्वितीय संस्कारणना प्रकाशन द्वारा ओना संकलनकार जिनभक्त सुश्रावक भाई भँवरलालजी खरेखर परमतारक परमात्मा श्री जिनेश्वर देवनी अपूर्व अने अभिनव भक्तिनुं कार्य करी रह्या छे.
मुंबई अने उपनगरोना दूर नजीकना तमाम जिन मंदिरोनी प्रमाणभूत माहिती मेलववा माटे तेओ स्वयं ते ते स्थलोओ प्रत्येक