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मुंबई के जैन मन्दिर
देवाधिदेव अचिंत्य चिंतामणि अरिहंत
प्रभु के दर्शन-पूजा का फल ॐ जिनालय जाने की इच्छा करे........... १ उपवास का फल 9 जिनालय जाने के लिये खडा होवे...... २ उपवास का फल
जिनालय जाने के लिये तैयार होते..... ३ उपवास का फल + जिनालय तरफ कदम बढाए..... ४ उपवास का फल 9 जिनालय के रास्ते चलते हुए..... ५ उपवास का फल है जिनालय के आधे रास्ते पहुँचने पर..... १५ उपवास का फल + जिनालय का दूर से दर्शन करने पर........ ३० उपवास का फल . जिनालय के पास आने पर..... ६ मास के उपवास का फल + जिनालय के गंभारे के पास आने पर..... १ वर्ष के उपवास का फल क प्रभुजीको प्रमार्जन / प्रदक्षिणा देने पर..... १०० वर्ष के उपवास का फल प्रभुजीकी (अष्टप्रकार से) पूजा करने पर.....१००० वर्ष के उपवास का फल प्रभुजी को सुगंधयुक्त माला पहनाने पर..... १ लाख वर्ष के उपवास का फल
भावपूजा रुप चैत्यवन्दन - स्तवन - गीत - नृत्य से अनंत उपवास का फल या तीर्थंकर नाम कर्म बांधने का फल प्राप्त हो सकता है। अतः द्रव्य पूजा करने के
बाद अवश्य भावपूजा - चैत्यवंदन करना चाहिये।
सौजन्य: मूलचन्द गुलाबचन्द महेता परिवार गृहमन्दिर (टे. फो.: ३०७ ६८७०) ७०४-बी, अरिहंत एपार्टमेन्ट, ३१, डी. बी. मार्ग, मुम्बई सेन्ट्रल स्टेशन के सामने,
मुंबई नं. ४०० ००८.
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