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मुंबई के जैन मन्दिर
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लावण्य सूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. विजय दक्षसूरीश्वरजी म. के शिष्य पन्यासजी श्री प्रभाकर विजयजी म. की पावन निश्रा में भूमिपूजन श्रेष्ठिवर्य श्री दीपचन्दभाई गार्डी एवं श्री अशोकभाई एम. शाह के कर कमलो द्वारा ता. ८-१-९४ को हुआ था।
कांदिवली चारकोप जैन संघ के प्रमुख श्री तेजराजजी जे. पुनमीया एवं श्री बाबुलालजी एस. मालु इनके शुभ हस्तक ता. १०-७-९४ को शिलारोपण हुआ था। जिनालय निर्माण होने पर भगवान का प्रवेश वि. सं. २०५२ का श्रावण सुदी १५ को हुआ था। ___ यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान तथा आजू बाजू में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान तथा श्री शान्तिनाथ भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, विशस्थानक - १, अष्टमंगल - १ के अलावा श्री गोमुख यक्ष, श्री चक्रेश्वरी यक्षिणी, श्री पद्मावती देवी, श्री मणिभद्रवीर, श्री नाकोडा भैरूजी, श्री गौतम स्वामी, शासन सम्राट् श्री नेमिसूरीश्वरजी म., श्री दक्षसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी भी बिराजमान हैं। प्रतिष्ठा अभी बाकि है।
यहाँ उपासरा, पाठशाला एवं श्री आदि - दक्ष महिला मण्डल की व्यवस्था हैं।
श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर आनन्द नगर, गाला नं. १३-१४, मथुरादास क्रॉस रोड, ६० फीट रोड
कान्दिवली (प.) मुंबई - ४०० ०६७. टे. फोन : प्रवीणभाई - ८०१ ३६ ४८, मूकेशभाई - ८६३ ५३ ६०, भूपेन्द्रभाई - ८०७ २५ ३९
विशेष :- श्री वासुपूज्य श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ कांदिवली (प.) द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की शिलास्थापना परम पूज्य आत्म - कमल - लब्धिसूरि समुदाय के पूज्य साहित्य उपासक प्रवर्तक श्री हरीशभद्र विजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५३ का श्रावण वदी ९ को मंगलवार ता. २३-९-९७ को हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी २७" तथा आजूबाजू में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ २१ " एवं श्री मुनिसुव्रत स्वामी २१" पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की श्री शन्तिनाथ प्रभु की एक प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ तथा श्री शत्रुजय तीर्थ पट तथा १०८ पार्श्वनाथ दर्शन सुशोभित हैं।
___ आ. क. लब्धि सूरि समुदाय के आ. श्री विजय यशोवर्मसूरीश्वरजी म. प्रवर्तक श्री हरीशभद्र विजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५४ का पोष वद १२ रविवार ता. २५-१-९८ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ श्री विजय लब्धि सूरि जैन पाठशाला, एवं श्री लब्धि सूरि जैन सामायिक मण्डल की व्यवस्था हैं।
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