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मुंबई के जैन मन्दिर
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(१३७) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर मारवाडी चाल, बजार पेठ, पोलीस स्टेशन के सामने, मरोल विलेज,
अंधेरी (पूर्व), मुंबई - ५९. टे. फोन : ८३२ ०४ ८६ - आसुलालजी, ८३४ २७ ९२ - कुंदनमलजी विशेष :- प. पू. युग दिवाकर आ. भ. श्री धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा से श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ मरोल - अंधेरी की स्थापना वि. सं. २०२८ का वैशाख सुद ३ को हुई थी । यहाँ के मन्दिरजी की स्थापना व चल प्रतिष्ठा भी उन्ही परम पूज्य आ. भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. साहेबजी की शुभ निश्रा में वि. सं. २०३१ का माह वद ५ को हुई थी।
चेम्बुर तीर्थ से प्राप्त यहाँ आरस की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ तथा कपडे पर बनाया गया शत्रुजय तीर्थ दर्शनीय हैं। यहाँ सामायिक मण्डल, नूतन बालिका मण्डल भक्ति भावना में अग्रेसर हैं । आजकल जिनालय का जीर्णोद्धार हो रहा हैं।
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श्री महावीर स्वामी भगवान गृह मन्दिर तरूण भारत सोसायटी, प्लोट नं. १, दूसरा माला, डॉ. करजीया रोड, चकाला,
अंधेरी (पूर्व), मुंबई - ४०० ०९९. टे. फोन : ओ. ८३४ ५६ ०४, वसनजीभाई - ६७१ ६८ १७, गांगजीभाई - ८३४ ३७ ०७
विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री चकाला श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपागच्छ जैन संघ हैं।
परम पूज्य भुवन भानु सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की शुभ निश्रा में यहाँ चल प्रतिष्ठा हुई थी। प्रति वर्ष महावीर जन्म कल्याणक का दिन, वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं।
इस जिनालय में पाषाण की ७ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ सुशोभित हैं।
२०३६ में गाम - लाकडीया श्री खीमईबेन मणिलाल पचाण गाला की तरफ से श्री संघ को पाठशाला हॉल समर्पण किया गया । और गाम - लाकडीया स्व. रीटा मांडण कुंभा की स्मृति में उनकी धर्मपत्नी स्व.भमीबाई के सुपुत्रो नरपार, पदमशी, उमरशी तथा धीरजलाल की तरफ से उपाश्रय हॉल श्री संघ को समर्पण किया गया।
वि. सं. २०५३ में कांदिवली (प.) श्री मुनिसुव्रत जिनालय में प. पू. आ. भ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. की निश्रा में अंजनशलाका किये हुए श्री सिद्धचक्र महायंत्र यहाँ मन्दिरजी में बिराजमान हैं।
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