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मुंबई के जैन मन्दिर
इस मन्दिरजी में आरस की श्याम रंग की १ प्रतिमाजी, पंचधातु की ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी २, अष्टमंगल १ बिराजमान हैं।
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यहाँ मातुश्री पुरबाई तलकशी भूलाभाई (गाम भोजायवाला ) उपाश्रय पाठशाला भी चालु हैं।
श्री मुनिसुव्रत युवक मंडल है जिनकी तरफ से लायब्रेरी भी चालु हैं। श्री मुनिसुव्रत महिला मंडल भी भक्ति भाव में अग्रसर हैं 1
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सान्ताक्रूझ (पश्चिम)
श्री कुंथुनाथ भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय सेन्ट अड्युज रोड, सान्ताक्रुझ (पश्चिम) मुंबई - ४०००५४. टे. फोन : ओफिस : ६४९४२३४, ६०५ ३५०४ टोकरशीभाई
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विशेष :- सेठ जमनादास मोरारजी जे. पी. मांगरोलवालोने २५९२ वार भूमि रू. १५०१, किंमत करके धार्मिक कार्यो के लिये संघ को वि. सं. १९९७ फागुण सुद २ अर्पण की गयी थी । सेठ जमनादास मोरारजी जे. पी. का जन्म वि. सं. १९३८ को, स्वर्गवास वि. सं. २००२ का का वद १४ ता. ३-१२-४५ को हुआ था । आपकी प्रतिकृति भी सुशोभित हैं ।
इस मन्दिरजी की प्रतिष्ठा प. पू. सिद्धान्त म. आ. भ. श्री प्रेमसूरीश्वरजी म. सा. की निश्रामें वि. सं. १९९८ वीर संवत २४६८ फागुण सुद ३ को हुई थी। बाद में वि.सं. २०२३ पोष सुद १५ को प. पू. आ. भ. श्री प्रतापसूरीश्वरजी म. सा. और प. पू. युग दिवाकर आ. भ. श्री धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की पुण्यनिश्रामें रंगमंडप में चार गोखले में प्रतिमाजीओकी प्रतिष्ठा धामधूम की गई थी।
नये मंडप में प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवंत विजय लावण्यसूरीश्वरजी के शिष्य आ. श्री क्षसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. सं. २०३४ का फागुण सुद ३ रविवार को खूब धामधूम से हुई थी।
मन्दिरजी में आरसी १३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २६ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २० तथा यक्षयक्षिणी के अलावा पद्मावती देवी, चक्रेश्वरीदेवी की प्रतिमाजी भी शोभायमान हैं दिवारो पर अनेक तीर्थो के पटो के रंगीन चित्र बनाये गये हैं ।
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मन्दिर में मुख्य द्वार से प्रवेश होते ही दोनो तरफ से बनाये गये हाथियो की कृतिया खुब ही सुन्दर लग रही है।
यहाँ पर देवकाबेन गां जीभाई धारशीभाई पौषधशाला, श्री अमरेन्द्र सागर पुस्तकालय, श्री कुंथुनाथ आराधक मण्डल, श्री कुंथुनाथ महिला मण्डल, श्री कुंथुनाथ स्नात्र मंडल, शान्ताक्रुझ जैन