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मंबई के जैन मन्दिर
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श्री आदीश्वर भगवान शिखरबंदी जिनालय ३६ हिल रोड, बान्द्रा (प.) मुंबई - ४०० ०५०.
टे. फोन : ६४३५०५८ विशेष :- श्रीमान श्रेष्ठीवर्य श्री डुंगरशी चांपशी मालानी द्वारा निर्मित एवं संचालित इस जिनालय का नामकरण श्री सोनबाई डुंगरशी मालानी परिवार श्री आदिनाथ जिनालय हैं।
इसकी प्रतिष्ठा अचलगच्छ के साहित्यप्रेमी आ. श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४८ का जेठ सुद ३ सोमवार तारीख १७-६-९१ को हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर प्रभु तथा आजू बाजूमें श्री शान्तिनाथ, श्री विमलनाथ सहित पाषाण की ७ प्रतिमाजी पंच धातु की ३, सिद्धचक्रजी - १ तथा अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं।
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श्री महावीर स्वामी भगवान गृह मन्दिर
१६२, खेर वाडी, बान्द्रा (पूर्व), मुंबई - ४०० ०५१. टे. फोन : रतिलालजी डी. रांका ६४२ १८९६, शांतिलाल सी. जोधावत ६४३ ८६ २८
विशेष :- सर्व प्रथम आ. भगवंत श्री आनन्दधनसूरीश्वरजी म. साहेब की प्रेरणा से २०४१ में श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, खेरवाडी की स्थापना हुई थी, मंदिर व उपाश्रय का निर्माण हुआ था। यहां पंचधातु प्रतिमा की प्रथम चल प्रतिष्ठा वि.सं. २०४१ ता. २७-९-८५ को हुई थी । पाषाण प्रतिमाजी की अंजनशलाका परम पूज्य श्री मोहन-प्रताप-धर्मसमुदाय के प.पू. आ.भ. श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म., प.पू.आ.भ. श्री कनकरत्नसूरीश्वरजी म., प.पू.आ.भ. श्री महानन्दसूरीश्वरजी म., प.पू. आ.भ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. आदि गुरु भगवन्तोकी निश्रा में खार वि. सं. २०४५ में हुई थी। परम पूज्य आ. विजय श्री रत्नाकरसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से मन्दिरजी का जीर्णोद्धार व प्रतिष्ठा हुई थी। परम पूज्य आ. विजय विशालसेनसूरीश्वरजी म. की निश्रा में भगवान का उत्थापन तथा प्रवेश विधि हुई थी।
यहाँ के जिनालय का भूमिपूजन शा. समजीरामजी नरसिंगजी नाहर परिवार नाडोलवालो की तरफसे हुआ था।
रखनन एवं शिलान्यास विधि श्रीमती सविताबेन मोहनलालजी नाहर नाडोलवालो की तरफ से हुआ था।
कवि कुलदीपक परम पूज्य लब्धिसूरि समुदाय के आ. भ. श्री जिनभद्रसूरीश्वरजी म. सा. एवं पू. आ. भ. श्री यशोवर्मसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतों की पावन निश्रा में वि. सं. २०५४ का माह सुदी ३ शुक्रवार ता. ३०-१-९८ को भव्य प्रतिष्ठा हुई थी।
मूलनायक श्री महावीरस्वामी तथा श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु, श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ प्रभु
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