________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मुंबई के जैन मन्दिर
५७
-
बान्द्रा (पश्चिम) (९५) . श्री संभवनाथ भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय २५, जैन मन्दिर मार्ग के सामने तथा नारायणदास जयाभाई के पथ में,
बान्द्रा (प.), मुंबई - ४०० ०५०. टे. फोन : ६४२ ६५ ८५ ओफिस : ६४० ७६ ९६ बाबुलालजी विशेष :- यहाँ के प्राचीन मन्दिर में मूलनायक श्री चन्द्रप्रभस्वामी भगवान थे. बाद में नूतन जिनालय में नीचे मूलनायक श्री संभवनाथजी सहित आरस की ११ प्रतिमाजी, पंच धातु की ११ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ५ तथा दिवारो पर रचाये गये श्री शत्रुजय, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री गिरनारजी, श्री अष्टापदजी एवं अनेक ऐतिहासिक धार्मिक दृश्य सुशोभित हैं।
___ इस मंजिल पर मूलनायक चंद्रप्रभस्वामी सहित आरस की ५ प्रतिमाजी, पंचधातु की ११ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ७ एवं अष्टमंगल ३ शोभायमान हैं।
नूतन जिनालय का निर्माण प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा व मार्गदर्शनानुसार हुआ है और उनकी खनन विधि और शिला स्थापना विधि आपकी निश्रा में बड़ी धामधूमसे हुई थी। बाद में प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवन्त विजय रामसूरीश्वरजी म. ( डेहला वाले) आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०३० का वैशाख वद २ को भव्य ठाठ माठ के साथ हुई थी।
यहाँ उपासरा, जैन पाठशाला, श्री वर्धमान तप आयंबिल शाला की व्यवस्था हैं ।
यहाँ श्री जैन जागृति मण्डल, श्री जैन जागृति महिला मण्डल, श्री संभव जिन गुण आराधक युवक मंडल भी सेवा - भक्ति में अग्रणीय है। श्री जैन जागृति मण्डल द्वारा आयोजित श्री मानव सेवा धर्म का प्रशंसनीय एवं पुण्य कार्य है। इस संस्था द्वारा प्रति रविवार को गरीब बन्धुओ भोजन बाटने का काम चालु हैं।
अचलगच्छ जैन उपाश्रय विशेष :- बान्द्रा (प.) में जैन मन्दिर मार्ग पर परम पूज्य आचार्य भगवन्त अचलगच्छाधिपति श्री गुण सागरसूरीश्वरजी म. साहेबजी की प्रेरणासे निर्मित श्री कच्छी विसा ओशवाल जैन संघ का सुन्दर उपाश्रय का उद्घाटन प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की पुण्य निश्रामें वि. सं. २०२८ में हुआ था। सुन्दर व्यवस्था हैं।
For Private and Personal Use Only