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मुंबई के जैन मन्दिर
उपर आरस की २४ जिन प्रतिमाजी, १ गौतम स्वामी की प्रतिमा हैं । नीचे भोयरे में श्री सीमन्धर स्वामीजी आदि ५१” ५१" की पांच भव्य प्रतिमाए, भिन्न भिन्न तरह के विशाल परिकरोके साथ विराजमान है, ऐसी दिव्य प्रतिमाए समस्त मुंबई में यहां पर ही है, अन्य कहीं भी नही है, जिनके दर्शन के लिए हजारो भाविकजन हररोज आते हैं ।
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यहाँ चार मंजिल का भव्य उपासरा है, जिसमे साधुजी के लिये उपासरा, पुस्तकालय, व्याख्यान भवन सुशोभित हैं । यहाँ लिफ्ट की व्यवस्था हैं ।
इसके अलावा यहाँ श्राविका उपासरा, आयंबिल शाला, अनुकंपादान, जैन पाठशाला, श्री शंखेश्वर आराधक मण्डल, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ महिला मण्डल, श्री वासुपूज्य महिला मण्डल आदि अपने भक्ति भजन में सक्रिय है ।
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मन्दिरजी के पीछले भाग में परम पूज्य आ. भ. श्री विजय मोहन - प्रताप धर्मसूरीश्वर के पट्टधर शिष्य प. पू. आ. श्री विजय यशोदेवसूरीश्वरजी म. के पट्टधर शिष्य प. पू. आ. श्री विजय जयानन्दसूरीश्वरजी म. का देवलोक गमन वि.सं. २०५० का आसो वदी ३ को हुआ था । यहीं पर अग्नि संस्कार हुआ था, जहाँ आज उनका समाधि मन्दिर शोभायमान है ।
श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर
दार- उर- मुल्क, चौथा माला, भारतीय विद्याभवन के सामने, रमाबाई रोड, ग्रान्ट रोड, मुंबई - ४०० ००७. टे. फोन : ३६९१३७८
विशेष :- परम पूज्य गुरुदेवो के प्रेरणा से धर्मप्रेमी श्रीमानजी श्रेष्ठिवर्य नरोत्तमदास छगनलाल मोदीने अपने निवासस्थान पर आज लगभग २५ वर्ष पहले श्री शान्तिनाथ प्रभु की मूलनायक परमात्मा के रुप में स्थापना की थी ।
आपके जिनालय मे पंच धातु की १ प्रतिमाजी तथा १ सिद्धचक्रजी बिराजमान हैं।
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श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर
पारसमणि भवन, शारदा मन्दिर स्कूल के सामने, ६७ सी हरिश्चंद्र गोरेगांवकर मार्ग, गामदेवी रोड, मुंबई - ४००००७.
टे. फोन : ३६४५० ८४ हसमुखभाई, ३६३७४३८ - कीशनजी
विशेष : - इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक में एवं संचालक श्रीमती छगनीबेन नेमिचन्द मुत्ता रीलिजियस ट्रस्ट हैं, हस्ते शा. श्री कीशनलालजी नेमिचन्दजी मुत्ता एवं श्री मांगीलालजी नेमिचन्दजी मुत्ता चित्तलवाना (सांचोर - राजस्थान) निवासी परिवारवालोने निर्माण कराया हैं ।
परम पूज्य आ. विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. समुदाय के आ. विजय नरवाहनसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०५३ का वैशाख सुदी ११ रविवार ता. १८-५-९७ को प्रतिष्ठा हुई थी ।
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