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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर १७ इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्रीमती ज्योतिबेन हेमन्तभाई शाह तथा श्री हेमन्तभाई रतिलाल शाह परिवार वाले हैं। (३२) श्री आदिनाथ भगवान जिनालय गृह मन्दिर तीरुपती एपार्टमेन्ट कम्पाउण्ड में ग्राउण्ड फ्लोर महालक्ष्मी मंदिर के सामने, भूलाभाई देसाई रोड, मुंबई - ४०० ०२६. टे. फोन : २६१६६९६ - तेजराजजी ४९२ ८८५१ - घर : अंकीबाई गोवाणी विशेष :- श्री अंकीबेन घमंडीरामजी गोवाणी ट्रस्ट द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस जिनालय में मूलनायक श्री आदिनाथ एवं श्यामवर्णीय पारसनाथ सहित आरस की ५ प्रतिमाजी, पंच धातु के ८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - २, श्री गौतम स्वामी व राजेन्द्रगुरु की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। दिवार पर श्री नेमिनाथ शादीरथ, पावापुरी के २ पट, श्री आबुजी, श्री तारंगाजी, श्री भद्रेश्वरजी, श्री सम्मेत शिखरजी, श्री सिद्धचक्रजी, श्री धरणेन्द्र पद्मावती, त्रिशला माँ के १४ स्वप्न, २४ तीर्थंकरोके फोट ये सभी कांच की बनाई सुन्दर कलात्मक रचनाएँ है जो विशेष रुप से दर्शनीय हैं। धरणेन्द्र - पद्मावती एवं घंटाकर्णवीर की ३ प्रतिमाजी भी बिराजमान है। उपासरा की भी व्यवस्था है। यहाँ दानवीर सेठ श्री घमंडीरामजी केवलजी का फोटो और आरस की बनाई गयी प्रतिकृति भी सुशोभित हैं। आ. गुणसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में सन् १९७९ में स्थापना हुई थी। (३३) श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर संभव तीर्थ १४वा माला हाजीअली पेट्रोल पम्प के पास, २८, भूलाभाई देसाई रोड, मुंबई - ४०० ०२६. टे. फोन : ४९२ २७ २३ - शांतिलाल शाह, ४९२ ५९८७ - मेघराजजी विशेष:- परम पूज्य आचार्य भगवन्त शासन सम्राट आचार्य विजय नेमिसूरीश्वरजी म. के शिष्य विज्ञानसूरि, कस्तूरसूरि के पट्टधर आचार्य विजय चंद्रोदयसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा मे चौपाटी श्री कल्याण पार्श्वनाथ जिनालय में अंजनशलाका की हुई प्रतिमाजी को उनकी ही निश्रा में वि.सं. २०३५ का माह सुदी पंचमी को चल प्रतिष्ठा हुई थी। इस गृह मन्दिर के संस्थापक एवं संचालक श्री संभव तीर्थ जैन संघ है। यहाँ मूलनायक श्री संभवनाथ प्रभु तथा आजुबाजु में श्री महावीर स्वामी व शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १ अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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