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मुंबई के जैन मन्दिर
(१४)
श्री आदीश्वर भगवान शिखर बंदी जिनालय १२, जमनादास मेहता रोड, श्रीपालनगर, वालकेश्वर, मुंबई - ४०० ००६.
टे. फोन : ३६९१६८२ विशेष:- सिद्धान्त महोदधि परम पूज्य आ. विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की शुभ निश्रा में वि.सं. २०२९ का मगसर सुद - ५ को प्रतिष्ठा हुई थी।
यहाँ आरस के १८ प्रतिमाजी, पंचधातु के १४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी १५, अष्टमंगल - २ सुशोभित हैं। जिसमे भोयरे में श्याम वर्णीय ५७' की मुनिसुव्रत स्वामी की प्रतिमाजी बिराजमान हैं, जो १६ वी शताब्दी की हैं एवं परम पूज्य श्री ओमसुन्दरसूरीश्वरजी म. की अंजनशलाका की हुई हैं। भव्य उपासरा तथा पाठशाला चालु हैं । भोयरे में मूल प्रतिमाजी के सामने ही श्रीपाल राजा और मयणासुन्दरी की आकर्षित मूर्ति सुशोभित हैं।
यहाँ श्री ऋषभ भक्ति मंडल, श्रीपाल महिला मण्डल भी हैं।
(१५) श्री गोडीजी पार्श्वनाथ भगवान वालकेश्वर का सबसे प्राचीन मन्दिर ___ जीवन विला कम्पाउन्ड, नारायण दाभोलकर रोड, वालकेश्वर,
मलबार हील, मुंबई - ४०० ००६.
टे. फोन : ३६९८०३६ - ७वा माला विशेष :- मुंबई के प्राचीन मन्दिरो में इस मन्दिर का नाम भी अग्रणीय हैं। लगभग १९० वर्ष पहले वि.सं. १८६५ में सेठ श्री नरसिंग केशवजी ने बनवाया था। इसके बाद सन् १८४७ में सेठ बाबु पन्नालाल पूरणचन्द जैन के हाथो में आया । वर्षो तक उनकी निगरानी में जिनालय का संचालन होता रहा और आज हम देख रहे हैं कि श्री नरेन्द्रभाई जिनालय का खुब ही भक्तिभाव पूर्वक संचालन कर रहे हैं।
इस जिनालय मे पंच धातु की ७ प्रतिमाजी, ३ रत्नोकी चांदीकी १ प्रतिमाजी (चौविशी), सिद्धचक्रजी - ५, अष्टमंगल - १ तथा माताजी श्री चक्रेश्वरी देवी व पद्मावती देवी भी बिराजमान हैं।
(१६) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान भव्य जिनालय प्रेजन्ट पेलेश के कम्पाउण्ड में पहला माला, नारायण दाभोलकर रोड, वालकेश्वर - मलबार हील, मुंबई - ४०० ००६.
टे. फोन : ३६२४५४१ विशेष :- परम पूज्य युग दिवाकर आ.भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. साहेबजी की
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