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Sppi@mggbಣ ೫೫ ೫೫ अस्मत् प्रकाशित मध्यमापरीक्षोपयोगिनिर्धारित पाठ्य-पुस्तकानि
काव्यमीमांसा-चन्द्रिकाटीका सहित । ___ इसके टोकाकार गवर्नमेंट संस्कृत कालेज सरस्वती भवन लाईब्रेरी के पुस्तकाध्यक्ष साहित्याचार्य पं० श्रीनारायणशास्त्रीखिस्तेजी हैं। विषय विवेचन के साथ ही साथ उदाहरण श्लोकों की व्याख्या भी विशदरूप से की गयी है । 'टीका अत्यन्त सुबोध ॐ तथा सरल हैं जो कि विद्यार्थियों के अत्यन्त उपयोग की हुई है।
१ से ५ अध्याय का प्रथमभाग का मूल्य लागत मात्र )
काव्यमीमांसामधुमुदनी विवृत्ति तथा बालक्रीडानामक हिन्दी अनुवाद सहित । 8 इसके टीकाकार तथा अनुवादकर्ता मारवाड़ी संस्कृत महाविद्यालय साहित्य
शास्त्र के प्रधानाध्यापक साहित्याचार्य पं० श्रीमधुसूदनशर्माजी हैं । संस्कृतटीका तथा हिन्दी अनुवाद हो जाने से विद्यार्थियों के बड़े उपयोग की पुस्तक होगई है।
१ से ६ अध्याय का प्रथम भाग का मूल्य ॥)
शिशुपालवधम्मल्लिनाथी तथा वल्लभदेवी व्याख्या द्वयोपेतम् । ___ आज तक शिशुपालपर मल्लिनाथ टीका के अलावा दुसरी कोई भी टीका नहीं १ छपी थी। मगर विद्यार्थियों के उपयोग के लिए बहुत प्रयत्न से तलाश कर मल्लिनाथी, टीकाके साथ साथ वल्लभदेवी टीका भी प्रकाशित की गई है । यह वल्लभदेवाटीका विद्यार्थियों के बड़े उपयोग की सरल तथा परीक्षोपयोगि हुई है। १ से ३ सर्ग का॥) इसका १ से २ सर्ग का मूल्य।) तथा संपूर्ण का मूल्य३) पृथक् २ भी प्राप्त होता है।
मुक्तावली-शब्दखण्डः । __ न्याय-व्याकरण-साहित्याचार्य-मीमांसकशिरोमणिपं० श्रीसूर्यनारायणशुक्ल रचित
परीक्षोपयोगी मयूखटीका तथा भाषा टीका सहित। मयुखटीका के साथ भाषाटीका 2 जाने से साहित्य मध्यमा के विद्याथियोंके लिए अपूर्व पुस्तक होगई है। इससे उत्तम १ परीक्षोपयोगि मुक्तावली शब्दखण्ड का संस्करण दुसरा नहीं । मूल्य लागत मात्र ।)
मुक्तावली-मयूखटीका सहित । - इसके टीकाकार न्याय-व्याकरण-साहित्याचार्य मीमांसक शिरोमणि पं० सूर्य है नारायण शुक्ल जी हैं । आज तक मुक्तावली पर जितनी टाका टीप्पणी छपी हैं उन सबसे उत्तम यह नवीन दंग का सरल पराधोपयोगि टीका विद्यार्थियों के अत्यन्त 0 उपयोग को हुई है।
संपूर्ण ग्रन्थ का मूल्य ११), प्रत्यक्षखण्डात्मक प्रथमोमागः ॥२) अनुमान शखण्डाद्यात्मक द्वितीयाभागः18)
योगसूत्रम् । मणिप्रभा, भोजवृत्ति, योगवन्द्रिका, भावागणेशवृत्तिः, नागोजीमवृत्तिः, योगसुधाकर आदि ६ टोका तथा टीप्पणी सहित। अत्युत्तम संस्करण का मूल्य २)
प्राप्तिस्थान-चौखम्बा संस्कृत पुस्तकालय, बनारस सिटी। Ranan0000amasves an amonds arewarana Pranamil
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