________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandie वात०२४ मं०म० साध्यसिद्धः५ साध्यसाध्यः 6 साध्यसुसिद्धः७ साध्यारिः८ सुसिद्धसिद्धः 9 सुसिद्धसाध्यः 10 सुसिद्ध सटीक सुसिद्धः 11 सुसिद्धारिः 12 अरिसिद्धः 13 अरिसाध्यः 14 अरिसुसिद्धः 15 अर्यरीति 16 इतिषोडशभे २१दाभवति // 9 // 10 // 11 // 12 // तेषांफलमाह // सिद्धसिद्धोयथोक्तेनेत्यादि / यथोक्तेनकल्पोक्तेनजया नामादियुक्चतुःकोष्ठान्मन्वर्णश्चेद्वितीयक।चतुष्केतत्रपूर्वतयत्रनामाक्षरंस्थितम् // 9 // तत्रतत्कोष्ठमा रभ्यगणयेत्पूर्ववत्क्रमात्॥साध्यसिद्धःसाध्यसाध्यस्तत्सुसिद्धश्चतद्रिपुः॥३०॥एवंज्ञेयस्तृतीयेचेच्चतुष्के मंत्रकर्णकः॥ तदापूर्वोक्तयारीत्याक्रमाज्ज्ञेयाविचक्षणैः।।११॥सुसिद्धसिद्धस्तत्साध्यस्तत्सुसिद्धश्चतद्रि पुः॥चतुर्थेतुचतुष्केस्यादरिसिद्धारिसाध्यकः॥१२॥ तत्सुसिद्धोरिःपश्चादेवमंत्रविचारयेत्॥सिद्धसि दोयथोक्तनद्विगुणात्सिद्धसाध्यकः॥१३॥ सिद्धसुसिद्धोद्धजपात्सिद्धारिकृतिबांधवान् // साध्यसिद्धोद्वि गुणतःसाध्यसाध्योनिरर्थकः॥१४॥द्विगुणाजपात्सुसिद्धःसाध्यारिर्हतिगोत्रजान्॥सुसिद्धसिद्धोद्धजपात्त साध्योद्विगुणाजपात्॥१५॥तत्सुसिद्धग्रहादेवसुसिद्धारिःकुटुंबहा॥अरिसिद्धःसुतंहन्यादरिसाध्यस्तुक न्यकाम्॥१६॥तत्सुसिद्धस्तुपनीनस्तदार साधकापहःगानानोमंत्रस्यवर्णाश्चलिखित्वाप्रतिवर्णकम्॥१७॥Name दिनासिद्धोभवतीत्यर्थः॥ 13 // 14 // द्विगुणकल्पोक्तद्वैगुण्यात्तत्सुसिद्धःसाध्यसुसिद्धः // 15 // 16 // B219 // प्रकारांतरेणसिद्धादिशोधनमाह // नाम्न इति // 17 // For Private and Personal Use Only