________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सटीक मं०म० // 207 // त०२२ प्रणवादीनियानिनिजबीजानींद्रादिबीजानिपूर्वमुक्तानिलंरंमंक्षवंयंसंहहींआमित्यादि॥प्रयोगमाह ॥तार मिति // 11 // 102 // 103 // आद्यति // अधिपतयइत्येतस्मात्पूर्वस्यामुकपदस्थानेसुरादिजातीर्वदेव // // 104 // 10 // बीजादीनितेदिक्पालाश्चपूर्वमुक्ताः॥ यातुतोयपयोनिक्रतिवरुणयो।कंब्रह्माणम्॥यथा॥ ॐलंइंद्रायसुराधिपतयेसवाहनायसपरिवारायसशक्तिकायसपार्षदायनमः // ॐरंअग्नयेतेजोधिपतये // तारादिनिजबीजाद्यांस्तत्प्रयोगोऽधुनोच्यते // तारंबीजमथेद्रायामुकाधिपतयेततः // 101 // सायु धायसवाहांतेनायसांतेपरीतिच // वारायांतेसशक्तीतिकायामुकपदंततः // 102 // पार्षदायनमोंतोऽ यंदिक्पालानांमनुःस्मृतः // इंद्रायेतिपदस्थानेवह्नयादिपदमुच्चरेत् // 103 // आद्यामुकपदस्थाने क्रमाजातीवदेत्सुधीः // सुरतेजःप्रेतरक्षःसलिलप्राणतारकाः // 104 // भूताहिलोकाविज्ञेयाआ शापालकजातयः // पार्षदात्पूर्वममुकस्थानेस्यात्स्वेष्टदेवता // 105 // बीजानिपूर्वमुक्तानि वाहनान्यायुधान्यापि // यातुतोयपयोर्मध्येऽनंतंपूर्वशयोस्तुकम् // 106 // ॐमयमायप्रेताधिपतये // ॐक्षनैर्ऋतयेरक्षोधिपतये॥ॐवंवरुणायजलाधिपतये // यंवायवेप्राणा धिपतये॥ॐसंसोमायनक्षत्राधिपतये // ॐहईशानायभूताधिपतये॥ॐहींअनंतायनागाधिपतये // ॐआंब्रह्मणेलोकाधिपतये॥ इतिप्रयोगः // 106 // meaon For Private and Personal Use Only