________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie सटीक ||203|| त०२२ शक्रादिषुयथास्वकंप्रसिद्धैवप्राची॥पीठशक्तीनांध्यानमाह॥श्वेतेति॥यथाविधिस्थापितायांविधिनाप्रतिष्ठि पूजकस्यपुर कल्प्याःशक्रादिषुयथास्वकम् // श्वेताकृष्णारुणापीताश्यामारक्तासितासिता॥ 31 // रक्तांवराभयधराध्येयाःस्युःपीठशक्तयः // शालग्राममणीयंत्रेनित्यपूजांसमाचरेत् // 32 // हेमादि प्रतिमायांवास्थापितायांयथाविधि // अंगुष्ठादिवितस्त्यंतमानासंप्रतिमागृहे // 33 // पूज्यानदग्धा भिन्नावानो धोइङ्नवक्रिका | लिंगंवालक्षणोपेतंतत्रावाहनमाचरेत् // 34 // मूलमुच्चार्यहृदया त्सुषुम्नावर्त्मनासह // द्वारेणब्रह्मरंध्रस्यनासारंधेविनिर्गतम् // 35 // पुष्पांजलौमातृकाब्जेयोजयित्वा विनिक्षिपेत् // मूर्तीपुष्पांजलिचैतदावाहनमुदीरितम्॥३६॥शालग्रामेस्थिरायांवानावाहनविसर्जने // आह्वानाद्युपचारेषुश्लोकाञ्छंभूदितान्पठेत् // 37 // आत्मसंस्थमजंशुद्धत्वामहं परमेश्वर // अर ण्यामिवहव्यांशमुर्तावावाहयाम्यहम् // 38 // पंचायतनपक्षेतुमध्यविष्णुसमर्चयेत् // अग्निनिर्ऋति वायव्यशानेषुगणनायकम् / / 39 // तायामूर्ध्वदृकूअधोक्वक्रानपूज्या // 31 // 32 // 33 // 34 // 35 // 36 // 37 // 38 // पंचायतनपूजामाह॥पंचेति३९॥ 203 // For Private and Personal Use Only