________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir / महाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्योदेवताः // 7 // 8 // भगःसूर्यः // 9 // 10 // एकादशन्यासानाह॥ ततइति // पूर्वोक्तमार्गतःप्रथमपटलोक्तविधिना // 11 // सारस्वतन्यासमाह / / अथेति // 12 // बीजेति॥ छंदांस्युक्तानिमुनिभिर्गायत्र्युष्णिगनुष्टुभः // देव्यप्रोक्तामहापूर्वाःकालीलक्ष्मीसरस्वती // 7 // नं दाशाकंभरीभीमा-शक्तयोस्यमनोःस्मृताः // स्याद्रक्तदंतिकादुर्गाभ्रामोवीजसंचयः // 8 // आग्नि युर्भगस्तत्वंफलंवेदत्रयोद्भवम् // सर्वाभीष्टप्रसिद्धयर्थविनियोगउदाहृतः॥ 9 // ऋषिश्छंदोदैवता निशिरोमुखहृदिन्यसेत् // शक्तिबीजानिस्तनयोस्तत्वानिहृदयेपुनः॥ 110 // ततएकादशन्यासान कुर्वीतेष्टफलप्रदान् // प्रथमोमातृकान्यासःकार्य:पूर्वोक्तमार्गतः // 11 // कृतेनयेनदेवस्यसारूप्यं यातिमानवः // अथद्वितीयंकुतिन्यासंसारस्वताभिधम् // 12 // बीजत्रयंतुमंत्राद्यतारादिहृदयांति कम् // क्रमादंगुलिषुन्यस्यकनिष्ठायासुपंचसु // 13 // करयोर्मध्यतःपृष्ठेमणिबंधेचकूपरे // हृदया दिषडंगेषुविन्यसेन्जातिसंयुतम् // 14 // मंत्रादिमबीजत्रयंप्रणवादिनमोंतकनिष्ठादिनवस्थानेषुन्यस्यहृदयादिषुजातियुक्तंन्यसेत् // यथा // ह्रीं कीनमाकनिष्ठायामित्यादि॥ॐह्रींलींहृदयायनमइत्याचंगेष्वपि // 13 // 14 // For Private and Personal Use Only