________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir DO ARG मं०म०प्रयोगश्च // कुजवारयुतायांकृष्णचतुर्दश्यांपुरद्वारचतुष्पथश्मशानान्यतरस्मान्मृदमानीयविडंगकरवी सटीक रार्कपुष्पयुतांकृत्वाश्मशानस्थोविशिखोनीलवस्त्रोनिशितयामृदापुत्तलींहृदितन्नामयुतांकृत्वाप्राणान्पति // 16 // ष्ठाप्यश्मशानवस्त्रेणाच्छाद्यसैलेनाभ्यज्यखराश्वमहिषरुधिरेणसंस्नाप्यरक्तचंदनेनविलिप्यधत्तूरपुष्पैः संपूज्य त०१८ तदरेश्मशानाग्निंसंस्थाप्यतदग्नौवचासर्षपभल्लातकधत्तूरबीजमिश्रितैरष्टोत्तरशतंजुहुयान्मत्रेण // यथा // कर्मस्वेवंविधेष्वादोभैरवायवलिंदिशेत् // मापानपलमद्याद्यैरेवसिद्धिर्भवेध्रुवम् // 3 // योमंत्रीविद धातीहक्कमतेनप्रयत्नतः॥आत्मावनायसंसेव्योनरसिंहोहरोपिवा // 4 // अथचंडीविधानम् ॥अथो नवाक्षरंमंत्रंवक्ष्येचंडीप्रवृत्तये // वाङ्मायामदनोदीर्घालक्ष्मीस्तंद्रीश्रुतीदुयुक् // 5 // डायसदृक्जलं कूर्मद्वयंझिंटीशसंयुतम् // नवाक्षरोस्यऋषयोब्रह्मविष्णुमहेश्वराः // 6 // ॐम्रांनी मृतीश्वरिकंकृत्येअमुकंशीघ्रंमारय 2 क्रोमिति // ततःपुत्तलीशिरश्छित्त्वाऽनौहत्वापूर्णाहु तिकुर्यात // एवमेकविंशतिराज्यंतेरिपुर्मियतइति // ततःप्रायश्चित्तंकुर्यात् // 3 // 4 // सप्तशतीपाठांग भूतंचंडीमंत्रमाह // वागिति॥वाऐंमायाह्नींमदनक्कीं // दीर्घालक्ष्मीश्चातंद्रीमः॥श्रुतींदुयुग उबिंदुयुक्ता / PA // 16 // मुं॥५॥डायैस्वरूपम् / / सहगूजलंवि // कूर्मद्वयं चयुग्मम् // झिंटीशए ॥च्चे // 6 // BENG or 3 UST For Private and Personal Use Only