________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org Sapse // 29 // 30 // 31 // 32 // वशीकरणमाह // शनिवारइत्यादिहरिद्राक्षतपुष्पैश्वस्पर्शयितुर्भवेदित्यं एवंबाह्यार्चनंकृत्वादेवीपार्श्वगताःपुनः // देव्योद्वादशसंपूज्या प्रतिदित्रितयंत्रयम् // 29 // माया याकालरात्रिश्चतृतीयावटवासिनी // गणेश्वरीचकाहाख्याव्यापिकालार्कवासिनी // 30 // मायारा ज्ञीचमदनप्रियास्यादशमीरतिः // लक्ष्मी काङ्गेश्वरीचेतिदेव्योद्वादशकीर्तिताः // 33 // नैवेद्यांतार्च नंकृत्वादद्यान्मद्यादिनाबलिम्।।एवंसंपूजितास्वेष्टंकालरात्रिःप्रयच्छति ॥३२॥शनिवारेतुसंध्यायांगच्छे द्रम्यंसरोवरम् // हरिद्राऽक्षतपुष्पैस्तन्मत्रेणानेनपूजयेत् // 33 // तारोनमोजलौकायैद्वितयंसर्वतः परम् // जनंवशंकुरुद्वंद्वंहुमंतोमनुरीरितः // 34 // गृहमागत्यगोत्रायांस्वप्यादेवींस्मरनिशि // प्रा तस्तत्रैवगत्वाथजलौकाद्वितयंततः॥३५॥ गृहीत्वातत्पशोष्याथच्छायायांचूर्णयेत्पुनः॥ जलौका चूर्णयुक्तेनकृष्णकासिसूत्रतः॥ 36 // वर्तिविधायमुंचेतभाजनेनिर्मितेमृदा // कुलालचक्रोत्थित यातत्रतैलंपुनःक्षिपेत्॥३७॥तैलंयत्रात्समानीतंभ्रमतोनिर्मलंशुचिः॥ वारस्त्रीसदनादह्निमानीयज्वालये तुतम्॥३८॥दारुभिःकोकिलाक्षस्यप्रकुर्यात्तत्रदीपकम् // वह्नःपुरद्वयंक्षोणीपुरयंत्रनिधापनम् // 39 // तेन // 33 // 34 // गोत्रायाभूमौ // 35 // 36 // 37 // 38 // कोकिलाक्षस्यकुचिलावृक्षस्य // वहिपुर स्त्रिकोणम् // तद्वयंषट्कोणम् // क्षोणीपुरंचतुरस्रम् // 39 // PUNISPOSANNA Tahashmah For Private and Personal Use Only