________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यादीनिति // यं 10 वह्निमंडलायनमोनाभ्यादिपादांतम्॥ 11 ॥अग्नीषोमन्यासमाह // अकारादीनिति // RATE28 सोममंडलायनमोमूर्धादिहृदयांतम्॥ १२॥इति / / डं २३वह्निमंडलायनमोहृदादिपादांतम्॥१३॥ // 14 // हंसन्यासमाह // सबिंदूनिति // अं५१ हंसापुरुषात्मनेनमः सर्वांगे // 15 // ग्रहन्यासमाह // अष्टा यादीन्सेंदूश्चतुर्थ्यतंवह्निमंडलमुच्चरन् // नाभ्यादिपादपर्यंतविन्यसेत्पावकंस्मरन्॥११॥मंडलत्रयवि न्यास प्रोक्तस्तेजोविधायकः॥अकारादिठकारांतवर्णाव्यंसोममंडलम्॥१२॥उनमोतंन्यसेन्मंत्रीमूर्धादिच रणावधि।।उकारादिक्षकारांतवर्णावह्निमंडलम् ॥१३॥हृदादिपादपर्यंतविन्यसेन्डेनमोन्वितम् // अ ग्रीषोमात्मकोन्यासःकथितःसर्वसिद्धिदः।।१४॥सबिंदूनमातृकावर्णानजपांपुरुषात्मने।नमोतंव्यापकंन्य स्येद्धंसन्यासोऽयमीरितः॥१६॥अष्टावष्टौस्वान्पंचपंचशःशेषवर्णकान्॥उत्कादित्यमुखान्यस्येचतुर्थ्य तान्ग्रहान्नव॥१६॥आधारलिंगनाभीहृत्कंठेषुमुखमध्यतः।।भ्रूमध्येभालदेशेचब्रह्मरंधेकमान्यसेत्१७॥ विति // अं८आदित्यायभगवतेनमः आधारे॥ लं 8 सोमायभगवतनमालिंगे॥कं 5 अंगारकाय भनाभौ // |चं 5 बुधाय भ० हृदि // टं 5 बृहस्पतये भ०गले // तं 5 शुक्राय भ मुखमध्ये // 55 शनैश्चरायभ भ्रूम ध्ये // यं 4 राहवेभ० भाले ॥शं 4 केतवेभ ब्रह्मरंध्रे / खेचराग्रहास्तन्नामांतेभगवतेनमः इतिपदंवदेत् // हातच्चप्रयोगेलिखितम् // 16 // 17 // For Private and Personal Use Only