________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सटीक तिथिपत्रेपंचदशदले // गायव्यर्णैवैदिकगायत्रीवर्गः॥ भूमीति // चतुरस्रद्वयकोणेषुवाय्वनीयरेफौलिखेत्॥ // 64 // 65 // वार्तालीमाह // वागिति // भूमिग्लौ // सावाग्बीजेनपुटिता // तन्मध्यस्थऐंग्लौंऐमिति // // 82 // तिथिपत्रमूलवर्णान्गायत्र्यणैःप्रवेष्टयेत् // वाय्वग्नीविलिखेद्भूमिमंदिरद्वितयात्रिषु // 64 // भूर्जादौ यंत्रमालिख्यजपंसंपातसाधितम् // बाह्यादौविधृतंदद्यान्नृणांकीर्तिधनंसुखम् // 66 // बहुनाकि मिहोक्तेनवाराहीष्टंप्रयच्छति // वाग्वीजपुटिताभूमिनमोंतेभगवत्यथ // वार्तालिवारागगनसहक्वारा हिवापदम् // 66 // राहमुखिततोवीजत्रयंपूर्वोदितंवदेत् // अंधेअंधिनिहृदयरुंधेरुधिनिहत्तथा // 6 // जंभेभिनिहृत्पश्चान्मोहेमोहिनिहत्पुनः॥ स्तंभेस्तंभिनिहादौतेपुनर्बीजत्रयंवदेत् // 68 // सर्वदुष्ट प्रदुष्टानांसर्वेषांसवाक्पदम् // चित्तचक्षुर्मुखगतिजिह्वास्तंभंकुरुद्वयम् // 69 // सदृगगनहि। पूर्वोदितंबीजवयं // ऐंग्लौऐमिति॥हृदयनमः॥ हन्नमः॥ हाईनमः॥बीजत्रयाऐंग्लौंऐमिति॥ For Private and Personal Use Only