________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir गन्धमादनाय नमः 2 // कुलाचलाय नमः 3 // हिमवते नमः 4 // रैवताचलाय नमः 5 // देवगिरये नमः६॥ मलयाचलया नमः 7 // कनकाचलाय नमः 8 // पृथिव्यै नमः 9 // अनन्ताय नमः 10 // अथ चतुर्दिनु खंडन्दुदेवतास्थापनमैशान्यादिक्रमेण ऐशान्ये-अश्विनीकुमाराभ्यां नमः 1 // आमेश्या-विश्वज्यो देवेन्यो नमः 2 // नैर्ऋते पितृत्यो नमः 3 // वायव्या-नागेन्यो नमः // | ततः मंडलाइहिः प्रथमं सत्त्वपरिधौ पूर्वादिक्रमेण देवतास्थापनम् // इन्द्राय नमः 1 // अग्नये नमः 2 // यमाय नमः 3 // नि / तये नमः 4 // वरुणाय नमः 5 // वायवे नमः 6 // कुबेराय नमः 7 // ईश्वराय नमः 8 // इन्द्रेशानयोर्मध्ये-ब्रह्मणे नमः 9 // वरुणनैर्ऋतयोमध्ये-अनन्ताय नमः 10 // तद्वहिः रजःपरिधौ पूर्वादिक्रमेण देवतास्थापनम् // बजाय नमः 1 // शक्तये नमः 2 // // दण्डाय नमः 3 खड्गाय नमः 4 // पाशाय नमः 5 // अंकुशाय नमः 6 // गदायै नमः 7 // त्रिशूलाय नमः 8 ॥पनाया नमः 9 // चक्राय नमः 10 // तद्वहिः तमोमयकृष्णपरिधौ पूर्वादिक्रमेण देवतास्थापनम् // कश्यपाय नमः // अत्रये नमः // भरद्वाजाय नमः३॥ विश्वामित्राय नमः४॥ गौतमाय नमः 5 // जमदग्नये नमः६ // वसिष्ठाय नमः 7 // अरुंधत्यै नमः Odel / ततः पूर्वे-ऋग्वेदाय नमः 1 // दक्षिणे-यजुर्वेदाय नमः 2 // पश्चिमे-सामवेदाय नमः 3 // उत्तरे-अथर्ववेदाय नमः 4 // एवमटोचर शत१०८देवताः संस्थाप्य षोडशोपचारैः संपूज्य ततः प्रधानदेवतां मण्डलमध्ये संस्थाप्य पूजयेत् // इति द्वादशालिंगतोभद्रमण्डल विधानम् // अथ त्रयोदशरेखात्मकं लघुगौरीतिलकाख्यमेकलिंगतोभद्रमण्डलम्॥तिर्यगूर्ध्वगता रेखाः कार्याः स्निग्धास्त्रयोदश॥ कोणेंदुखि पदः कार्यः शृंखलात्रिपदाः सिताः // 1 // वल्ली च षट्पदा नीला भद्रं रक्तं प्रकल्पयेत् // पादशभिः स्पष्टमुत्तरे पूर्वदक्षिणे // 2 // For Private And Personal Use Only