________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir शिवपूजने // अथ देवतास्थापनम् // देशकालौ संकीर्त्य अद्य पुण्यतिथौ मम इह जन्मनि जन्मांतरे च सुखसौभाग्यसंतानादिफल पू० ख० 1 प्राप्त्यर्थम् उमामहे वरदेवताप्रीतये मया आचरितस्य अमुकव्रतस्य फलप्राप्तिद्वारा लिंगतोभद्रमंडलदेवतावाहनप्रतिष्ठापूजनं च करिष्ये // भ०म०प्र० इति संकल्पः // मंडलबाह्ये ईशानकोणे // गुरुवे नमः गुरुमावाहयामि स्थापयामि / एवं सर्वत्र 3 // अग्नेय्यां-गणपतये नमः२ // नैर्ऋते दुर्गायै नमः 3 // वायव्ये-क्षेत्रपालाय नमः 4 // ततः भद्रमध्ये श्रीसदाशिवाय नमः 5 // इति स्थापयेत् // ततः अष्टदले-पूर्वस्यां दिशि 5 कालाग्निरुद्राय नमः // कूर्माय नमः॥ मण्डूकाय नमः१॥ आग्नेय्यां-बाराहाय नमः // अनन्ताय नमः 2 // दक्षिणे-पृथिव्यै नमः // स्कंदाय नमः 3 // नैर्ऋत्यां-दिशि नलाय नमः।। यमाय नमः 4 // पश्चिमे-पत्रोयो नमः // केसरेत्यो नमः // कर्णिकायै नमः 5 // वायव्यां-सिंहासनाय नमः॥ पद्मासनाय नमः 6 // उत्तरे-धर्माय नमः॥ ज्ञानाय नमः / / वैराज्ञाय नमः 7 // ईशान्याम-ऐश्वर्याय नमः॥ चिदाकाशाय नमः 8 // पीठमध्ये-योगपीठात्मने नमः // इत्येकविंशतिदेवताः संस्थापयेत् // ततः कर्णिकोपरि / / पूर्व-पृथिव्यै नमः // दक्षिणे-कपालाय नमः२।। पश्चिमे-सरिट्यो नमः३।। उत्तरे-सागरेश्यो नमः४।। कणिकासमीपे-चत्वारि श्वेतभद्राणि तद्देवतास्थापनम् // पूर्व-तत्पुरुषाय नमः॥ दक्षिणे-अघोराय नमः२।। पश्चिमे-सद्योजाताय नमः३॥उत्तरे-बामदेवाय नमः४॥तत्समीपे-कृष्णानि अष्टौभद्राणि तदेवतास्थापनम्॥ऐशान्ये-भगवत्यैनमः ॥पूर्व-उमायनमः२॥ आग्नेय्यां-शंकरप्रियायैनमः३॥दक्षिणे-पार्वत्यैनमःनिर्ऋत्ये-गौर्यनमः॥ // 31 // पश्चिमे-काल्यै नमः६।। वायव्यां-कौम्यं नमः७॥ उत्तरे-विश्वभय नमः८॥ ततः कृष्णभद्राणाम् अधःअष्टौ रक्तभद्राणि तद्देवतास्थापनम् / / ऐशान्ये-नंदिन्यै नमः 1 / / पूर्व-महाकालाय नमः 2 // आग्नेय्यां-वृषभाय नमः 3 // दक्षिणे-मुंगकिरीटिने नमः 4 // नैर्भ यां-स्कंदाय . For Private And Personal Use Only