________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir मारणं वैरिणां सद्यः शरणं सर्वसंपदाम् // शोकस्य हरणे दक्षं वंदे तं रणदारुणम् // 18 // लिखित्वा पूजयेद्यस्तु सर्वत्र विजयी भवेत् // यः करे धारयेन्नित्यं स पुमाञ्छ्यिमामुयात् // 19 // स्थित्वा तु बंधने यस्तु जपं कारयति विजैः॥ तत्क्षणान्मुक्तिमामोति | निगडातु तथैव च // 20 // य इदं प्रातरुत्थाय पठेच्च कवचं सदा // आयुरारोग्यसंतानेस्तस्य स्तव्यः स्तवो भवेत् // 21 // इदं पूर्व पठि त्वा तु रामस्य कवचं ततः // पठनीयं नरैक्त्या नैकमेव पठेत्कदा // 22 // हनुमत्कवचं चात्र श्रीरामकवचं विना // ये पठति नरा श्चात्र पठनं तथा भवेत् // 23 // तस्मात्सर्वेः पठनीयं सर्वदा कवचद्वयम् // रामस्य वायुपुत्रस्य सद्भक्तैश्च विशेषतः // 24 // इति श्रीमदानन्दरामायणे श्रीरामकतैकमुखिहनुमत्कवचं समाप्तम् // 1 // अथ शत्रुघ्नकबचप्रारंभः // शत्रुघ्नं धृतकार्मुकं धृतमहातूणीरवाणो त्तम पार्श्वे श्रीरघुनंदनस्य विनयाद्वामे स्थित सुंदरम् // रामं स्वीयकरेण तालदलजं धृत्वाऽतिचित्रं वरं सूर्याभं व्यजनं सभास्थितमहा त वीजयंतं भजे // 1 // अस्य श्रीशत्रुघ्नकवचमंत्रस्य अगास्तपिः / श्रीशत्रुघ्नो देवता / अनुष्टुप् छंदः / सुदर्शन इति बीजम् // कैकेयीनन्दन इति शक्तिः / श्रीभरतानुज इति कीलकम् / भरतमंत्रीत्यस्वम् / श्रीरामदास इति कवचम् / / लक्ष्मणांशज इति मंत्रः॥ श्रीशत्रुघ्नप्रीत्यर्थं सकलमनःकामनासिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः // ॐ शत्रुघ्नाय अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ सुदर्शनाय तर्जनीभ्यां नमः॥२॥ ॐ कैकेयीनन्दनाय मध्यमाभ्यां नमः // 3 // ॐ भरतानुजाय अनामिकाभ्यां नमः // 4 // भरतमंत्रिणे कनिष्ठिकाभ्यां नमः॥ 5 // ॐ रामदासाय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः॥ 6 // इति करन्यासः // ॐ शत्रुघ्नाय हृदयाय नमः // 1 // ॐ मुदर्शनाय शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ कैकेयीनन्दनाय शिखायै वषट् // 3 // ॐ भरतानुजाय कवचाय हुम् // 4 // 78 For Private And Personal Use Only