________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir |पू० खं.. मित तरं० 11 // 306 // दशाहपारायणम्। पंचदशाहपारायणम् / दिन ध्याय स्कंध ऽध्याय दिन ध्याय स्कंध | अध्याय दशाहपारायणं कश्यमताद्राज्यप्राप्तिकाम भाषाढ शुक्लपक्षे फुर्यात् // 10 // www.kobalrm.org बृहस्सातमत स्तबकामाप्तकाना घेउशुकुरक्षे प्राषाढे वा कुर्यात् 15 मासपारायणम्। __शुक्लपक्षे दिन ध्या. स्कंध घ्या. || दिन sध्या. कंध घ्या. For Private And Personal Use Only 06.0.5cccman". 12 | 13 |8 1 मालपारायणं यदा कृग्गादि तदा शुक्ला / यदा शुक्रति तदा कृष्णांतम् / एवं प्रजापालनाादसकामनाप्राप्ति एकं बृहस्पतिम तमिदम् / एवं दिमाकाण्मासिक सांवत्सरिकादिकमपि पारायण ज्ञेयम्॥बृहस्पतिमतस्येष्टिः समाप्ता मतांतरे वैशाख शुक्लपंचमीमारभ्य श्येष्ठ शुक्ल पंचमी यावत् // 30 // ONOUR- OWi Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra