________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobar.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir . *r . पू..१ मि.तं. | तरं. 11 // 5 // ॐ ह्रीं ॐ दक्षपादे॥६॥ ॐ को ॐ वामपादे // 7 // ॐ श्री ॐ सक्थिनि // 8 // ॐ हुँ ॐ जानुनि // ९॥ॐ ॐ जंघयोः // 30 // ॐ कांॐ मस्तके // 11 // ॐ तं ॐ ललाटे // 12 // ॐ वी ॐ वोः // 13 // ॐ यां ॐ श्रुत्योः // 14 // ॐ जूं ॐ नेत्रयोः // 15 // ॐ नांॐ नासिकायाम् // 16 // ॐ यं ॐ वक्रे॥१७॥ ॐ नं ॐ गले // 18 // ॐ मंॐ अंसयोः // 19 // ॐ क्रों त्रीं क्लीं नं आं ह्रीं क्रों श्रीं हुं फट् कार्तवीर्यार्जुनाय नमः॥इति सर्वांगे पादादिमूर्धातं व्यापकं कुर्यात् // इति मंत्रवर्णव्यापकन्यासः॥ एवं न्यासविधि कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम् // उद्यत्सूर्यसहस्रकांतिरखिलक्षोणीधर्वदितो हस्तानां शतपंचकेन च दधच्चापानिपंस्ता वतः // कंठे हाटकमालया परिवृतश्चक्रावतारो हरेः पायात्स्यंदनगोऽरुणाभवसनः श्रीकार्तवीर्यो नृपः // 1 // इति ध्यात्वा मानसो पचारैः संपजयेत् // ततः पीठादी रचिते सर्वतोभद्रमंडले मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः संस्थाप्य “ॐ मं मंडकादिपरतत्त्वांतपीठदेवता यो नमः" इति संपूज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् // तद्यथा-पूर्वादिक्रमेण ॐ विमलायै नमः // 1 // ॐ उत्कर्षिण्यै नमः // 2 // ॐ ज्ञानाय नमः // 3 // ॐ कियाय नमः // 4 // ॐ योगाय नमः // 5 // ॐ प्रहयै नमः // 6 // ॐ सत्यायै नमः // 7 // ॐ ईशानाय नमः // 8 // मध्ये ॐ अनुग्रहायै नमः॥९॥ इति पूजयेत् // ततः स्वर्गादिनिर्मितं यंत्रं मूर्ति वा ताम्रपात्रे निधाय घृतेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च दत्त्वा स्वच्छवस्त्रेण संशोध्य "ॐ नमो भगवते कार्तवीर्यार्जनाय पद्मपीठात्मने नमः” इति मंत्रण पुष्पाद्यासन दत्त्वा पीठमध्ये संस्थाप्य प्रतिष्ठां च कृत्वा पुनर्व्यात्वा पायादिपुष्पतिरुपचारैः संपूज्य आवरणपूजां कुर्यात् // तद्यथा-पटकोणकेसरेषु आग्नेय्यादिचतुर्दिक्षु मध्ये दिक्षु च / ॐ क्रां वां हृदयाय नमः। हृदयश्रीपादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः॥इति स वत्र // 1 // क्लीं भी शिरसे स्वाहा / शिरःश्रीपा० // 2 // ॐ हूं शिखायै वष / शिखाश्रीपा०॥३॥ मैं मैं कवचाय हुम् / कवचश्री For Private And Personal Use Only