________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir सि 6 ॐ सर्वकर्मावराधकाय नमः वामबाहौ 7 ॐ लोहिताय नमः दक्षिणबाही 8 ॐ लोहिताक्षाय नमः गले 9 ॐ सामगानां कपाकराय नमः वदने 10 ॐ धरात्मजाय नमः अंसयोः 11 ॐ कुजाय नमः नेत्रयोः 12 ॐ भौमाय नमः ललाटे 13 ॐ भूतिदाय नमः भुवोः 14 ॐ भूमिनंदनाय नमः मस्तके 15 ॐ अंगारकाय नमः शिखायाम् 16 ॐ यमाय नमः सर्वांगे 17 ॐ सर्वरोगप्रहारिणे नमः मूर्धादिहस्तांतम् 18 ॐ वृष्टिकर्वे नमः मूर्धादिपादांतम् 19 ॐ वृष्टिहत्रे नमः पादादिमीतम् / 20 ॐ सर्वरोगापहारकाय नमः दशदिक्षु च 21 ॐ अंगारकाय नमः नानौ 22 ॐ वक्राय नमः वक्षसि 23 ॐ भूमिन / दनाय नमः मूर्ध्नि२४इति न्यासं कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम् ॥"जपाभं शिवस्वेदजं हस्तपद्मगंदा शूलशक्ती करे धारयंतम् // अवंतीसम | त्थं सुमेषासनस्थं धरानंदनं रक्तवस्त्रं समीडे // 1 // " इति ध्यात्वा मानसोपचारैः संपूज्य ताम्रार्घ्य पद्धतिमार्गेण संस्थाप्य पीठपूजादि| कं कुर्यात् // तद्यथा--पीठादी रचिते सर्वतोभद्रमंडले लिंगतोभद्रमंडले वा मंडूकादिपरतत्त्वांदपीठदेवताः संस्थाप्य " ॐ में| मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताभ्यो नमः” इति संपूज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् // तद्यथा-पूर्वादिक्रमेण ॐ वामायै नमः // 1 // ॐ ज्येष्ठाय नमः // 2 // ॐ रौयै नमः // 3 // ॐ काल्यै नमः॥ 4 // ॐ कलविकरण्यै नमः // 5 // ॐ बलविकरण्यै नमः // N // 6 // ॐ बलप्रमथिन्यै नमः // 7 // ॐ सर्वभूतदमन्यै नमः // 8 // मध्ये / ॐ मनोन्मन्यै नमः // 9 // इति पूजयेत् // ततः स्वर्णपत्रे ताम्रपत्रे वा एकविंशतित्रिकोणात्मकं यंत्रं रक्तचंदननिर्मिती प्रतिमां वा ताम्रपात्र निधाय घृतेनास्यज्य तदुपारी दुग्धधारांजलधारां पाच दत्त्वा स्वच्छवस्त्रेण संशोष्य “ॐ नमो भगवते सकलगुणात्मशक्तियुक्ताय भूमिपुत्राय योगपीठात्मने नमः।'इति मंत्रेण पुष्पाद्यासनं दत्त्वा For Private And Personal Use Only