________________ www. Acharya Shri Kasagar Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra bath.org अथ मूलमंत्रः ॥"ॐ ह्रीं वटुकायापदुद्धारणाय कुरुकुरु बटुकाय ह्रीं ॐ" // एवमष्टोत्तरशतमूलमंत्रस्यजपेन श्रीवटुकभैरवः प्रीयताम् // ततो वटुकाय नमस्कृत्य पंचोपचारैः संपूज्य पुस्तकं पूजयित्वा स्तोत्रं पठेत् // अथ स्तोत्रम् // ॐ ह्रीं भैरवोभूतनाथश्च भूतात्माभूतभा वनः // क्षेत्रदः क्षेत्रपालश्च क्षेत्रज्ञः क्षत्रियो विराट् // 1 // श्मशानवासीमांसाशीखर्पराशिःस्मरांतकत् // रक्तपःपानपःसिद्धःसिद्धिदः / सिद्धसेवितः॥२॥कंकालःकालशमनःकलाकाष्ठातनुः कविः // त्रिनेत्रोबहुनेत्रश्चतथापिंगललोचनः // 3 // शूलपाणिःखड्गपाणिः कंकालीधूम्रलोचनः॥ अभीरुभैरवोनाथोभूतपोयोगिनीपतिः // 4 // धनदोधनहारीचधनवान्प्रीतिभावनः // नागहारोनागपाशो व्योमकेशः कपालभृत् / / 5 // कालः कपालमालीचकमनीयःकलानिधिः॥ त्रिलोचनोज्ज्वलन्नेत्रस्खिशिखीचत्रिलोकपः // 6 // त्रिने त्रतनयोडिंभःशांतःशांतजनप्रियः // वटुकोवटुवेषश्चखट्वांगवरधारकः // 7 // भूताध्यक्षःपशुपतिःभिक्षुकःपरिचारकः // धूर्तोदिगंबरः शूरोहरिणःपांडुलोचनः॥८॥प्रशांतःशांतिदःसिद्धः शंकरःप्रियबांधवः // अष्टमूर्तिनिधीशश्वज्ञानचक्षुस्तपोमयः // 9 // अष्टाधारःषडाधारः सर्पयुक्तशिखामखः / भूधरोभूधराधीशोभूपतिर्भूधरात्मजः॥ 10 // कंकालधारीमुंडीचनागयज्ञोपवीतवान् // Mभणोमोहनःस्तंभीमार / णः क्षोभणस्तथा // 11 // शुद्धनीलांजनप्रख्यो दैत्यहा मुंडभूषितः // बलिभम्बलिभुनाथो बालोबालपराक्रमः // 12 // सर्वापत्ता रणो दुर्गों दुष्टभूतनिषेवितः // कामी कलानिधिः कांतः कामिनीवशकदशी // 13 // सर्वसिद्धिप्रदो वैद्यो प्रभुर्विष्णुरितीवहिः // अष्टो तरशतं नाम्नां भैरवस्य महात्मनः // 14 // मया ते कथितं देवि रहस्यं सर्वकामदम्॥य इदं पठति स्तोत्रं नामाष्टशतमुत्तमम्॥१५॥न तस्य दुरितं किंचिन्नच. भूतभयं तथा // न च मारीभयं तस्य ग्रहराजभयं तथा // 16 // न शत्रुत्यो भयं वापि प्रामुयान्मानवः क्वचित् // For Private And Personal Use Only