________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir समीरतनुजावीराबीरमारोजयप्रदः // 38 // जगन्मंगलदः पुण्यः पुण्यश्रवणकर्तिनः // पुण्यकीर्तिः पुण्यगतिः जगत्पावनपावनः // 39 // देवेशोजितमारोऽथरामभक्ति विधायकः // ध्याताध्ययोभगः साक्षीचेताचैतन्यविग्रहः // 40 // ज्ञानदः प्राणदः प्राणोजग लागसमीरणः // विनीपणश्यिः शूरः पिप्पलायनसिद्धिदः // 4 // मिद्धिः सिद्धाश्रयः कालः कालजनकभजनः // लंकेशनि धनस्थायीलंकादाहकईश्वरः // 42 // चन्द्रसूर्याग्निनेत्रश्चकालाग्निः प्रलयांतकः // कपिलः कपिशः पुण्यराशिर्वादशराशिगः॥ 43 // सर्वाश्योऽप्रमेयात्मारेवत्यादिनिवारकः // लक्ष्मणप्राणदाताचसीताजीवनहेतुकः // 44 // रामध्येयोहपकिशोविष्णुभक्तोजटीबलिः // देवारिदर्पहाहोताधाताकर्ताजगत्लभुः // 15 // नगरप्रामपालश्चशुद्धोबुद्धोनिरंतरः // निरंजनोनिर्विकल्पोगुणातीतोभयंकरः॥ 46 // हनुमंतोदुराराध्यस्तपःसाध्यामहेश्वरः // जानकीवनशोकोत्थतापहापरात्परः // 17 // वाङ्मयः सदमडूपकारणं प्रकृतेः परः // भाग्यदोनिमलोनेतापुच्छलंकाविदाहकः // 48 // पुच्छबड्यातुधानोयातुधान रिपुप्रियः // छायापहारीभूतेशोलोकेशः सङ्गतिप्रदः / // 49 // पूवंगमेश्वरः क्रोधः कोषसंरक्तलोचनः // सौम्योगुरुः कान्यकर्ताभक्तानांचवरप्रदः // 50 // भक्तानुकम्पीविश्वेशः पुरुहूतः / पुरन्दरः / / क्रोधहर्तातापहर्ताभक्ताऽभयवरप्रदः // 51 // अग्निर्विभावमुर्भानुर्यमोनि+तिरेबच // बमणोवायुगतिमान वायुः कुबेरईश्वरः / / // 52 // रविश्चन्द्रः कुजः मौम्यागुरुः काव्यः शनैश्चरः।। राहुः केतुर्मरुद्धाताधर्ताहतांसमीरजः॥५३॥ मशकीकतदेवारिदैत्यारिमधुसूदनः कामः कपिः कामपालः कपिलोविश्वजीवनः // 54 // मागीरथीपदाम्भोजः सेतुबन्धविशारदः // स्वाहास्वधाहविःकव्यहव्यवाहप्रकाशकः / // 55 // स्वप्रकाशोमहावीरोलघुरमितविक्रमः // मंजनोदानगतिमानसद्गतिः पुरुषोत्तमः // 56 // जगदात्माजगद्योनिर्जगदंतोपनंतकः।। For Private And Personal Use Only