________________ She avrain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir मं० म. 1207 // राले प्राची तदनुसारेण अन्या दिशः प्रकल्प्य प्राचीक्रमेण ॐ मुग्रीवाय नमः / सुग्रीवश्री द्वादशाक्षरीहनुमन्मन्त्रयन्त्रम्. पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमस्करोमि // इति सर्वत्र // 1 // ॐ लक्ष्मणे नमः / लक्ष्मणश्री पा०॥२॥ ॐ अंगदाय नमः। अंगदश्रीपा० // 3 // ॐ नलाय नमः / नलश्रीपा० V // 4 // ॐ नीलाय नमः / नीलश्रीपा० // ५॥ॐ जाम्बवते नमः / जाम्बबच्छीपा० // 6 // ॐ कुमुदाय नमः / कुमुदश्रीपा० // 7 // ॐ केसरिणे नमः / केसरिश्रीपा० ह हनुमते Hin8 // देवदक्षिणतः / ॐ पवनाय नमः / पवनश्रीपा० // 9 // बामे / ॐ अंजन्यै नमः। रुद्रात्मकाय अंजनीश्रीपा * // 10 // इति पूजयेत् // ततः पुष्पांजलिमादाय मूलमुच्चार्य / “ॐ अभीष्टसिद्धिं मे देहि शरणगतवत्सल // भक्त्या समर्पये तस्यमिदं ह्यावरणार्चनम् // 1 // " इति पठित्वा पुष्पांजल्यष्टकं दत्त्वा विशेषादिदं निक्षिप्य पूजितास्तपिताः संतु इति वदेत् ॥इत्यावरणपूजां कृत्वा धूपादिनमस्कारांतं संपूज्य पुनर्थ्यात्वा एकाग्रचिनो मंत्रार्थ स्मरन् जपं कुर्यात्॥अस्य पुरश्चरणं लक्षजपः / लक्षांते दिवसं प्राप्य तेन महत्पूजनं कृत्वा दिवारात्रि व्याप्य जपेत् // तावत्कालं जपेत् यावत्संदर्शन जबेत् // एवंकते हनुमाविभागशेषाम् निशास आगच्छति साधकाय बरं दत्त्वा पुनर्बजति पाद्यादि दे // 15 // फिर मलमंत्रस गंधपुपादि निवेदन कर सुग्रीव लक्ष्मण अंगद नल नीळ // 16 // जाम्बवंत कुमुद और केसरी इन्हीं को कमळके आठों दलोंमें लिख कर पूर्वादिक्रमस इन आठोंका पूजन करना चाहिये // 17 // हनुमान्जीके दक्षिण भागमं पवनका पूजन करे / और वामभागमें अंजनीका पूजन करै // दळके अग्रभागम " कपिभ्यो नमः / " इस मंत्र से आठ अंजलि पुध चढ़ावै // 18 // पीछे कपिराजका ध्यान करके मवका जप करै / इस मंत्रको एक लाख जपना चाहिये। जिस दिन लक्ष जप पूरा होजावे उस दिन महापूजा करनी चाहिये / / 19 // एकाग्रचित्तसे रात्रि दिन हनुमान्जीके मंत्रका जप करने पर हनुमानजीका दर्शन होता है। जब तक दर्शन न होवे जप करता रहे // 20 // ऐसा करनेसे हनुमानजी साधकको हड़ प्रतिज्ञ जान राविक समय For Private And Personal Use Only