________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir द्वादशाक्षरीहनुमत्कल्पपूजनयन्त्रम्. पू० खं०१ वि मं. म. "ॐ संविन्मयः परो देवः परामृतरसप्रियः // अनुज्ञा हनुमन्देहि परि // 205 // बारार्चनाय मे॥” इति पठित्वा पुष्पांजलिं च दत्वा पृजितास्तपिताः संतु IN | इति वेदत् // इत्याज्ञा गृहीत्वा आवरणपूजामारभेत // षटकोणकेसरेषु |आनेग्यादिचतुर्दिक्षु मध्ये दिक्षु च ॐ आंजनेयाय हृदयाय नमः हृदयश्री थापादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः // इति सर्वत्र // 1 // ॐ रुद्रमूर्तये शिरसे स्वाहा / शिरःश्रीपा० // 2 // ॐ वायुपुत्राय शिखायै वषट। शिखाश्रीपा० ॥३॥ॐ अग्निगर्भाय कवचाय हम / कवचश्रीपा०॥४॥ ॐ रामदूताय नेत्रत्रयाय वौषट् / नेत्रत्रयश्रीपा० // 5 // ॐ ब्रह्मास्त्र |निवारकाय अस्त्राय फट / अस्त्रश्रीपा० // 6 // इत्यंगानि पूजयेत // ततः पुष्पांजलिमादाय मूलमुच्चार्य “ॐ अभीष्टसिद्धिं देहि शरणा NIगतवत्सल // भक्त्या समर्पये तुल्यं प्रथमावरणार्चनम् // १॥"इति पठित्वा * पुष्पांजलिं च दत्त्वा पृजितास्तपिताः संतु इति वदेत् / इति प्रथमावरणम् // 1 // ततोष्टदले पूज्यपूजकयोरंतराले प्राची तदनुसारेण अन्या *नमोभगवते For Private And Personal Use Only