________________ www.kobatm.org Acharya Shellssagaur yanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra > नमः कुक्षौ // 5 // ॐ आं नमः नाभौ // 6 // ॐ दि नमः लिंगे // 7 // ॐ त्यं नमः पादयोः॥८॥ इति मंत्रवर्णन्यासः॥ एवं न्यासविधि कृत्वा ध्यायेत्॥ अथ ध्यानम् // रक्ताजयुग्माभयदानहस्तं केयरहारांगदकुंडलाढ्यम्॥ माणिक्यमौलिं दिननाथमीडे बंधूक कांतिं विलसत्रिनेत्रम् // 1 // इति ध्यात्वा सर्वतोभद्रमंडले मंडूकादिसूर्यमंडलाय द्वादशकलात्मने इत्यंत पीठदेवतां संपूज्य पीठशक्ति पूजयेत् // तद्यथा-पूर्वादिक्रमेण // ॐ रां दीतायै नमः // 1 // ॐ >> सूक्ष्माय नमः // 2 // ॐ हं जयायै नमः॥३॥ ॐ रै भद्रायै नमः // 4 // ॐ 3 विभूत्यै नमः // 5 // ॐ बों विमलायै नमः // 6 // ॐ वा अघोरायै नमः // 7 // ॐ रं विद्युताय / KIनमः // 8 // मध्ये ॐ रः सर्वतोमुख्यै नमः // 9 // इति पीठशक्तीः मपूजयेत् // ततः स्वर्णादिनिर्मितं यंत्रमग्न्युत्नारणपूर्वकं ब्रह्मवि प्णुशिवात्मकाय सौराय योगपीठाय नमः // इति मंत्रेण पुष्पाद्यासनं दत्वा पीठमध्ये संस्थाप्य प्राणप्रतिष्ठां च कृत्या पुनर्व्यात्वा “ॐ खं खखोल्कायनमः" इति मंत्रेण मूर्ति प्रकल्प्य आवाहनादिपुष्पांतैरुपचारैः संपूज्य देवाज्ञां गृहीत्वा आवरणपूजां कुर्यात् // तत्र क्रमः // पुष्पांजलिमादाय "ॐ संविन्मयः परो देवः परामृतरसप्रियः / अनुज्ञां सूर्य मे देहि परिवारार्चनाय मे // 1 // " इति पठित्वा पुष्पांजलि च दत्त्वा आवरणपूजामारभेत्॥ षट्कोणकेसरेषु अग्निकोणे / सत्यतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा हृदयाय नमः हृदयश्रीपादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः इति सर्वत्र॥१॥ नितिकोणे / ॐ ब्रह्मतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा शिरसे स्वाहा शिरःश्रीपा०॥२॥वायव्ये ॐ वि बष्णुतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा शिखायै वषट् शिखाश्रीपा० // 3 // ऐशान्ये ॐ रुद्रतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा कवचाय कहुँ कवचश्रीपा० // 4 // पूज्यपूज्यकयोमध्ये / ॐ अनितेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा नेत्रत्रयाय वौषट् नेत्रश्रीपा० // 5 // For Private And Personal Use Only