________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 मं० म० श्रीगणेशाय नमः॥ अथ सूर्य्यतंत्रप्रारंभः // तत्रादौ पटलपारंभः॥ अथ सूर्यमंत्रप्रयोगः॥ मंत्रो यथा-(शारदातिलके)"ॐ ह्रीं घृणिः पू० ख०१ मूर्य आदित्य श्रीं” इति दशाक्षरो मंत्रः॥अस्य विधानम् // अस्य सूर्य्यमंत्रस्य भृगुक्रषिः। गायत्री छंदः / दिवाकरो देवता। ह्रीं बीजम् / श्री शक्तिः / दृष्टादृष्टफलसिद्धये जपे विनियोगः // ॐ भृगुऋषये नमः शिरसि // // गायत्रीछंदसे नमः मुखे // 2 // दिवाकर देवतायै नमः हृदि // 3 // ह्रींवीजाय नमः गुह्ये // 4 // श्रीशक्तये नमः पादयोः // 5 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 6 // इति ऋष्यादिन्यासः॥ ॐ सत्यतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा-अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ ब्रह्मतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा तर्जनी न्यां नमः // 2 // ॐ विष्णुतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा मध्यमाभ्यां नमः // 3 // ॐ रुद्रतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा अनामि काभ्यां नमः // 4 // ॐ अग्नितेजो ज्यालामणे हुं फट् स्वाहा कनिष्ठिकाभ्यां नमः // 5 // ॐ सर्वतेजो ज्वालामणे हुं फट स्वाहा करतलकरपृष्ठात्यां नमः // 6 // इति करन्यासः // ॐ सत्यतेजो ज्वालामणे हूं फट् स्वाहा हृदयाय नमः // 1 // ॐ ब्रह्मतेजो ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ विष्णुतेजो ज्वालामणे हूं फट् स्वाहा शिखायै वषट् // 3 // ॐ रुद्रतेजो। ज्वालामणे हुं फट् स्वाहा कवचाय हुं // 4 // ॐ अमितेजो ज्वालामणे हूं फट स्वाहा नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ सर्वतेजो ज्वाल लामणे हुं फट् स्वाहास्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // ॐ ॐ आदित्याय नमः शिरसि // 3 // ॐ ए रवये नमः // मुखे // 2 // ॐ उं भानवे नमः हृदये // 3 // ॐ ई भास्कराय नमः गुह्ये // 4 // ॐ अं सूर्याय नमः पादयोः // 5 // इति // मूर्तिन्यासः॥ ॐ ॐ नमः शिरसि // 1 // ॐ नमः मुखे // 2 ॥ॐ णिं नमः कंठे // 3 // ॐ सूं नमः हृदि // 4 // ॐ For Private And Personal Use Only