________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir 'म . - मं० म०मयतद्वितयं जपेत् // जुहुयादारुणाम्भोजैर्दशांशं सुसमाहितः॥३॥ इति संपूजयेदेव गोविन्दं जगतां पतिम् // कुर्वीत कल्पनिर्दिष्टान्प्रयोगापू ०ख० 1 निजवांछितान् // 2 // लक्ष्मी प्रमूनैर्जुयाच्छ्यिमिच्छन्ननिंदिताम् / / साज्येनान्नेन जुहु यादाज्यान्नस्य समृद्धये // 3 // अरुणः कम वि.. मविप्राजातीभिः पृथिवीपतीन् / प्रसूनैरसितैश्याञ्छद्रान्नीलोत्पलैनवैः॥४॥वशयेल्लवणैः सर्वान पंकजैर्वनिताजनम् // गोशालासुकतो होमः पायसेन ससपिणी // 5 // गवां शांतिकरोत्याशु गोविंदो गोकुलप्रियः // शिशुवेषधरं देवं किंकिणीदामशोभितम् || // 6 // स्मृत्वा प्रतर्पयेन्मंत्री दुग्धबुद्ध्या शुभैर्जुलैः // धनधान्यांशुकादीनि प्रीतस्तस्मै ददाति सः // 7 // इति कृष्णमन्त्रप्रयोगः // // अथ लक्ष्मीनारायणमंत्रप्रयोगः // मंत्रो यथा (शारदातिलके) ॐ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्री लक्ष्मीवासुदेवाय नमः / इति चतुर्दशाक्षरो मंत्र अस्य विधानम् / अस्य मंत्रस्य प्रजापतिऋषिः / गायत्री छन्दः / वासुदेवो देवता / धर्मार्थकाममोक्षार्थे जपे विनियोगः / ॐ प्रजा पतिऋषये नमः / शिरसि // 1 // गायत्रीछन्दसे नमः मुखे // 2 // वासुदेवदेवतायै नमः हृदि // 3 // विनियोगाय नमः सर्वाङ्ग // 4 // इति ऋष्यादिन्यासः // ॐ ह्रीं ह्रीं अंगुष्ठाभ्यां नमः // 1 // ॐ श्री श्री तर्जनीभ्यां नमः // 2 // ॐ लक्ष्मी मध्यमाभ्यां नमः // 3 ॥ॐ वासुदेवाय अनामिकाभ्यां नमः // 4 // ॐ नमः कनिष्ठिकान्यां नमः // 5 // इति करन्यासः॥ ॐ ह्रीं ह्रीं हृदयाय नमः॥1॥ ॐ श्रीं श्रीं शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ लक्ष्मी शिखायै वषट् // 3 // ॐ वासुदेवाय कवचायतुं // 160 / // 4 // ॐ नमः अस्त्राय फट् // 5 // इति हृदयादिपंचांगन्यासः // एवं न्यासं कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम् // ॐ विद्युच्चंद्र निभं वपुः कमलजा वैकुंठयोरेकतां प्राप्नं स्नेहवशेन रत्नविलसद्भूषाभरालंकृतम् // विद्यापंकजदर्पणान्मणिमयं कुभं मरोजं गदां शंख चक्र For Private And Personal Use Only