________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir पातु महामृत्युंजयश्च माम्॥ 16 // रणे राजकुले यूते विषमे प्राणसंशये // पायादोंजू महारुद्रो देवदेवो दशाक्षरः // 17 // प्रभाते पातु मां ब्रह्मा मध्याहे भैरवोऽवतु // सायं सर्वेश्वरः पातु निशायां नित्यचेतनः // 18 // अर्थरात्रे महादेवो निशांते मां महोदयः॥ सर्वदा सर्वतः पातु ॐ जूं सः हौं मृत्युंजयः॥१९॥ इतीदं कवचं पुण्यं त्रिषु लोकेषु दुर्लभम् ॥सर्वमंत्रमयं गुह्यं सर्वतंत्रेषु गोपितम्॥२०॥ पुण्यं पुण्यप्रदं दिव्यं देवदेवादिदैवतम् / / य इदं च पठेन्मंत्रं कवचं वाचयतेत्ततः // 23 // तस्य हस्ते महादेवि त्र्यंबकस्याष्टसिद्धयः ॥रणे धृत्वा चरेयुद्धं हत्वा शत्रुअयं लभेत्॥२२॥जपं कृत्वा गहे देवि संप्राप्स्यति मुखं पुनः // महाभये महारोगे महामारीभये तथा॥ दुर्भिक्षे |शत्रुसंहारे पठेत्कवचमादरात् // 123 // इति श्रीमहामृत्युंजयकवचं समानम् // इति श्रीमंत्रमहार्णवे पूर्वखण्डे शिवतंत्रे पष्ठस्तरंगः // 6 // For Private And Personal Use Only