________________ Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org तदुसुनस्यतथैवैति // दूरङ्गमज्ज्योतिपायोतिरेकतन्मेमनः शिवसंकल्पमस्तु // इति हृदयाय नमः // 3 // ॐ येनकाण्यपसोमनी पिणोयनेकण्वन्तिविदथेषुधीराः॥ यदपूर्वयक्षमन्तः प्रजानान्तन्मेमनः शिवसंकल्पमस्तु॥ इति शिरसे स्वाहा // 2 // यत्प्रज्ञानमुतचेतो बृतिश्चयज्योतिरन्तरमृतम्प्रजासु॥यस्मान्न ऋतकिञ्चनकमक्रियतेतन्मेमनः शिवसंकल्पमस्तु / / इति शिखायै वषट् // 3 // येनेदम्भूत व म्भव भविष्यत्परिगृहीतममृतेनसर्वम् // येनयजस्तायतेमनहोतातन्मेमनः शिवसंकल्पमस्तु // इति कवचायतुं // 4 // यस्मिन्नृचः सामयजनपियस्मिन्नप्रतिष्ठितारथनाभाविवाराः यस्मिंश्चिनठ सर्वमोतम्भजानान्तन्मेमनः शिवसंकल्पमस्तु // इति नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // सखारथिरस्थानिययन्मनुष्यान्ननीयतेभीशुभिर्वाजिन इव // हृत्प्रतिष्टंय्यदजिरअविष्टम्तन्मेमनः शिवसंकल्पमस्तु / / इत्यवाय फटू // 6 // इति पंचमो न्यासः // 5 // इति पंचन्यासान्कत्वा पुनः पडंगन्यासं कुर्यात् // ॐ यजायत इत्यादिशिवसंकल्पाते ॐ हृदयाय / नमः // 1 // ॐ सहस्रशीर्षापुरुष इत्यादिपुरुषसूक्तांते शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ अद्भयः संमृत इत्याद्युत्तरनारायणांत शिखाये वषट् // 3 // ॐ आशुः शिशानइत्यप्रतिरथांते कवचाय हुँ // 4 // ॐ वित्राबृहदिन्यादिसूनांते नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ नमस्तेरुद्रायमन्यव इत्यादिशतरुद्रियांते अवाय फट् // 6 // इति पडंगन्यासः // एवं न्यासविधि कृत्वा सायाङ्गं प्रणम्य अष्टभिर्मन मस्कारं कुर्यात् // ॐ हिरण्यगर्भः समवर्तताग्रेभूतस्यजातः पतिरेकआभीत् // सदाचारपृथिवीं चामुतेमांकस्मदेवायहविपाविषेत्र // 1 // यः प्राणतो० // 2 // ॐ ब्रह्मयज्ञानम्प्रथमम्पुरस्ताद्विसीमतः मुरुचोव्येन आवः // सत्रुधन्याऽउपमाऽअस्यबिटाः सतश्चयोनिमसतश्च विवः // 3 // ॐ महीयौः पृथिवीचन इमंयज्ञम्मिमिक्षताम् // पिपतान्नोभरीमभिः // 4 // उपवाय. 5 अग्नेनय० 6 For Private And Personal Use Only