________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir वृत्रहा विघ्नहा सीरः समस्तदुःखतापहः // मंजुरो मार्जरो मनो दुर्गापुत्रो दुरालमः // 80 // अनंतचित्सुधाधारी वीरवीर्यकसाधकः // भास्वन्मकटमाणिक्यः कुजत्किंकिणिजालकः // 81 // शुंडाधारी तुंडचलः कुंडली मुंडमालकः // पद्माक्षः पद्महस्तश्च पद्मनाभसम चिंतः // 82 // उदितानरदंतास्यो मालाभूषणभूषितः // नारदो वारणो लोलश्रवणः शूर्पकर्णकः // 83 // बृहदुल्लासनासाढ्यो व्याप्त कोक्यमंडलः॥ रत्नमंडलआसीनःकशानुरूपशीलकः // 84 // बृहत्कर्णाश्चलोद्भुतवायुवीजितदिक्पटः।। बृहदास्यरवाकांतोः भीमब्रह्मांड भांडकः // 85 // बृहत्पादसमाकांतः समपातालदीपितः // बृहदंतकतात्युग्ररणानंदरसालमः // 86 // वृहद्धस्तधृताशेषायधनिर्जि तदानवः // स्फुरत्सिंदुरवदनः स्फुरनेजोग्निलोचनः / / 87 // उद्दीपितमणिस्फूर्जन्नपुरध्वनिनादितः // चलतोयप्रवाहाढयो नदीजल कणाकरः // 88 // चमत्कुंजरसंघातवंदितांघिशिरोरुहः // ब्रह्माच्युतमहारुद्रपुरःसरसुरार्चितः // 8 // अशेषशेषप्रभूतिव्यालजा लोपसेवितः // गर्जत्पंचाननारावप्रसादितधरातलः // 10 // हाहाहूहूगतात्युग्रस्वरविनांतमानमः॥ पंचाशद्वर्णवीजादयो मंत्री मंत्रि तविग्रहः // 11 // वेदांतशास्वपीयूषधाराप्लावितभूतलः // शंखध्वनिसमाक्रांतपातालादिनभस्तलः // 92 // चिंतामणिमहामण्लो बल्लहस्तो बलिः कविः।कृतत्रेतायुगोल्लासभासमानजगत्रयः // 93 // द्वापरः परलोकैकः कर्मध्यांतमुधाकरः // सुधासिक्तवासो ब्रह्मांडादिकबाहुकः // 14 // अकारादिक्षकारांतवर्णपंक्सिमुज्ज्वलः // अकाराकारमोद्गीतताननादनिनादितः // 95 // इकारे कारमंत्राढयो मालाचरणलालसः॥ उकारोकारमोहारिघारनागोपवीतकः // 16 // ऋवर्णांकित कंकाइपद्मरयसमुज्ज्वलः // लुका 28 For Private And Personal use only