________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir अनु. मं०म०पत्रांकाः पृष्ठांकाः विषयाः // 12 // | उत्तरखंडे इन्द्रजालकौतुकतंत्रे त्रयोदश स्तरंगः। 1 सर्वोपरिमंत्र: , रक्षामंत्र: , इन्द्रजालकोतुककरणोपयोगी मंत्रः। , दृष्टिस्तंभनम् / , नानारूपधारणकौतुकम् / 2 अन्यकौतुम् / 1 जलकौतुकम् / 1 वृक्षोत्पत्तिकौतुकम् / 2 अक्षरोत्पत्तिकातुकम् / 2 नानारंगकौतुकम् / 1 मिष्टकौतुकम् / " काचकुप्पाकौतुकम् / 2 बंदूककौतुकम् 1 युद्धकौतुकम् / , चित्रकौतुकम्। 884 पत्रांकाः पृष्ठांकाः विषयाः 889 1 जीवोत्यत्तिकोतुकम् / ,, अंडकौतुन् / , नृत्यकौतुकम् / 2 नानाकोतुकानि , बदामके भीतरकी गिरी फोडना / , मट्टीका मैसा बोले। पीरका हुका। , चित्रकी पुतली हसै। , हनुमानके पसेव आवै। 1 हनुमानके मुखसे फूल झरे। नारियलमें बदाम छुहारा निकले। , छुहारेके भीतरसे लौंग इलायची निकालना। 77 चासनी बिगड़े। प्रधान सझेि नही। , मालीकी डालियोंमेंसे फूल फल बाहर निकल पड़े। पत्रांकाः पृष्ठांकाः विषयाः , घरमें संप दीखें। 2 बिना खूटीकी खडाऊँपर चलना / तेलका घृत बने। , पैसको रुपया बनाना। "जीमता हो। , जीमतो वमन करे। , ओष्ठ सफेद करना। , धुवा निकले। 1 पक्षी पकडना। जल बचे खुले। निजरूप कुरूप दखे। सभाके लोग दयाकी सैर करते दीखें / ,, अगमें सुई छेदना / // समाप्तेयं मंत्रमहार्णवग्रंथस्यविषयानुक्रमणिका शिवचरणयोर्पितास्तु // 5 // 12 // For Private And Personal Use Only