________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir मंमा जपेन्मंत्रं ममिद्धिबिल्वशाखिनः // दशांशं जुहुयापीठ पूक्ति नं प्रपूजयेत् // 3 // एवं मिद्धे मनी मंत्री प्रयोगान्कर्तुमर्हति // उरोमात्रे जले प० ख० 1 स्थित्वा मंत्री ध्यावामंडले // 2 // एवं त्रिलक्षजपतो धनवृद्धिः प्रजायते // विल्वमूलं समास्थाय नावजने फलं हि तत् // 3 // ग तं० "hell अशोककाचलिते वहावाज्याक्ततण्डलः // होमतो वशयविश्वमकाष्ठचा अवम् // 4 // खदिराग्नी नरपति लक्ष्मी पायसहोमतः॥ तरं० 5 इति लक्ष्मीविनायकमंत्रप्रयोगः / / अथ त्रैलोक्यमोहनकरगणेशमंत्रप्रयोगः / / मंत्रमहोदधौ / मंत्रो यथा / / वक्रतुंडैकदंष्ट्राय लीह्रीं श्रींग गणपते वर वरद सर्वजन मे वशमानय स्वाहा / / इति त्रयस्त्रिंशदक्षरो मंत्रः।। अस्य विधानम् // अस्य श्रीत्रैलोक्यमोहनकरगणशमंत्रस्य गणक ऋषिः। गायत्री छंदः। त्रैलोक्यमोहनकरो गणेशा देवताममाभीष्टसिद्धयर्थ जपे विनियोगः।। ॐ गणकऋषये नमः शिरसि 3 // गायत्रीछदमे नमः मुखे 2 // त्रैलोक्यमोहनकरगणशदेवतायै नमः हृदि 3 // विनियोगाय नमः मागे 4 // इति ऋप्यादिन्यासः ॐ वक्रतुकदंष्ट्राय कहीं श्रींग अंगुष्ठायां नमः | ॐ गणपते तजनीयां नमः 2 // ॐ बर वरद मध्यमाभ्यां नमः 3 ॐ / नजनम् अनामिकात्यां नमः / ॐ में वशमानय कनिष्टिकान्यां नमः। ॐ स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः // 7 // इति करन्यामः ॐ वक्रतुंडैकदंताय कीह्रीं श्रींग हृदयाय नमः 1 // ॐ गणपते शिरमे स्वाहा // ॐ वर वरद शिखायै वषट् // ॐ सर्वजने कवचाय हुँ४ // ॐ मे वशमानय नेत्रत्रयाय वौषट 5 // ॐ स्वाहा अस्त्राय फट 6 // इति हृदयादिपडंगन्यामः।। इति न्यासं कृत्वा / धोयत।। अथ ध्यानमा गदाबीजारे धनुः शृलचके सरोजोलले पाशवान्यायदन्तान / करैः संदधानं स्वशुंडायराजन्मणीकुम्भनगाधिरूढं / स्वपल्या 1 // सरोजन्मना भूषणानां भरेणोज्ज्वलद्धस्ततन्व्या समालिजिन्ताङ्गम् // करीन्द्राननं चन्द्र चई त्रिनेत्रं जगन्मोहनं रक्तकांति For Private And Personal Use Only