________________ Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org म. म. // 8 // तदुदकपानाच्छत्रुनामग्रहणाद्रिपुनाशः स्यात् // 9 // इत्येकाधिकत्रिंशदक्षरोच्छिष्ट गणेशमंत्रप्रयोगः // अथ शक्तिविनायकचतुरक्षरपू० ख 1 मंत्रप्रयोगः। (मंत्रमहोदधौ ) ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं / इति चतुरक्षरो मंत्रः। अस्य विधानम् / / अस्य शक्तिगणाधिपमंत्रस्य भार्गव ऋषिः / विराट् छंदः / शक्तिगणाधिपो देवता / यी बीजम् / ह्रीं शक्तिः। ममाभीष्टसिद्धये जपे विनियोगः // ॐ भार्गवर्षये नमः शिरसि // तरं०५ विराट्छेदसे नमः नुखे 2 // शक्तिगणाधिपदेवतायै नमः हृदि 3 // वो बीजाय नमः गुह्ये 4 // हाँ शक्तये नमः पादयोः 5 // विनियोगाय नमः सर्वांगे 6 // इति ऋष्यादिन्यासः॥ ॐ याँ अंगुष्ठाभ्यां नमः॥ ॐ श्री तर्जनीयां नमः२॥ ॐ D मध्यमाभ्यां नमः / d // ॐ मैं अनामिकाभ्यां नमः 4 // ॐग्री कनिष्ठिकाभ्यां नमः 5 // ॐ यः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः 6 // इति करन्यासः॥ ॐ याँ हृदयाय नमः 1 // ॐ मी शिरसे स्वहा 2 // ॐ ग्रं शिखायै वषट् 3 // ॐ ये कवचाय हुँ 4 // ॐ गौ नेत्रत्रयाय वौषट् / 5 // ॐ ग्रः अस्त्राय फट 6 // इति हृदयादिपडंगन्यासः / / इति न्यासं कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम्-विषाणांकुशावक्षमूत्रं च पाश / दधानं करैर्मोदकं पुष्करेण // स्वपल्या युतं हेमभूषाभराव्यं गणेशं समुद्यदिनेशानमीडे / / 3 / / इति ध्यायेत् / ततः पीठादी रचिते सर्वतो. / भद्रमंडले गणेशमंडले वा पद्धतिमार्गेण मंडकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः संस्थाप्य ॐ में मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताभ्यो नमः / इति संपूज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् / तद्यथा / पूर्वादिक्रमेण ॐ तीवाय नमः ॥ॐ चालिन्यै नमः२॥ॐ नंदायै नमः३॥ॐ भोगदायै नमः 4 // ॐ कामरूपिण्यै नमः५॥ॐ उग्रायै नमः६॥ॐ तेजोवत्यै नमः 7 // ॐ सत्यायै नमः 8 // मध्ये ॐ विन्ननाशिन्यै नमः 1 // इति पूजयेत ) ततः स्वर्णादिनिर्मित यंत्रं मृति वा ताम्रपाने निधाय घनेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च दत्त्वा स्वच्छवस्त्रेणाशोप्य / / ॐ ह्रीं For Private And Personal Use Only